साहिबगंज – झारखंड सरकार की ग्रामीण विकास ग्रामीण कार्य एवं पंचायती राज विभाग की मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह का गुरुवार को साहिबगंज जिले में आगमन हुआ.इस दौरान मंत्री ने साहिबगंज परिसदन में विभागीय पदाधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. जिसमें ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं की प्रगति, समस्याओं और समाधान की दिशा में कई अहम निर्णय लिए गए.बैठक की शुरुआत में मंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम और ग्रामीण कार्य विभाग के माध्यम से जिले में निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित सड़कों की स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने वर्ष 2023-24 और 2024-25 की निविदा प्रक्रिया, स्वीकृत योजनाएं, कार्यान्वयन की गति और गुणवत्ता की समीक्षा की. मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी निर्माण कार्य तय समय सीमा के भीतर पूर्ण किए जाएं ताकि ग्रामीणों को समय पर यातायात सुविधा मिल सके. इसके साथ ही उन्होंने नई सड़कों के लिए डीपीआर विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने को भी कहा. ताकि राज्य सरकार से शीघ्र स्वीकृति प्राप्त की जा सके. मनरेगा के अंतर्गत चल रही योजनाओं की समीक्षा की.मंत्री ने विशेष रूप से मिट्टी मोरंग सड़क योजना को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन में सुधार हो सके. वहीं मनरेगा कार्यों की बकाया राशि के भुगतान को लेकर भी उन्होंने पदाधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की और संबंधित विभागों को शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. मंत्री ने अबूआ आवास योजना की भी समीक्षा की. जो राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी आवासीय योजना है. उन्होंने 2023-24 एवं 2024-25 की योजनाओं के तहत प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किश्तों के लंबित भुगतानों को शीघ्र लाभुकों तक पहुंचाने के निर्देश दिए. उन्होंने दोहराया कि इस योजना में किसी भी पात्र व्यक्ति को वंचित न रखा जाए और आवास आवंटन में पूरी पारदर्शिता बरती जाएं.
बैठक में पंचायत भवनों की कार्यप्रणाली पर भी विशेष ध्यान दिया गया. मंत्री दीपिका सिंह पाण्डेय ने पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी पंचायत सचिव समय पर पंचायत भवन खोलें और उसे पूरी तरह से संचालित करें. जिससे ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें. उन्होंने बताया कि कई पंचायत भवनों की मरम्मत और नव निर्माण की आवश्यकता है. जिसकी जानकारी जिला प्रशासन ने उन्हें दी और इस दिशा में यथाशीघ्र कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया.जेएसएलपीएस के अंतर्गत संचालित योजनाओं और कार्यों पर भी चर्चा हुई. मंत्री ने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि समूह आधारित आजीविका योजनाओं की प्रगति की समय-समय पर समीक्षा की जाएं ताकि ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें.बैठक में जिले के उप विकास आयुक्त सतीश चंद्रा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी झुनू कुमार मिश्रा, जेएसएलपीए के जिला परियोजना प्रबंधक मतीन तारीक, जिला पंचायती राज पदाधिकारी अनिल कुमार, विशेष प्रमंडल ग्रामीण कार्य विभाग के रमाकांत, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, तथा पाकुड़, जामताड़ा, गोड्डा, दुमका और देवघर के पदाधिकारी उपस्थित थे.