संताल एक्सप्रेस
श्रीराम भगत
अमड़ापाड़ा(पाकुड़)। जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड के आलूबेड़ा पंचायत के कोयोपाड़ा नाले में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां नियमों को ताक पर रखकर बंगला ईंट से एक सीढ़ी घाट का निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है। इस योजना का न तो कोई मद स्पष्ट है, न ही योजना संख्या का पता है और न ही प्राक्कलित राशि की जानकारी उपलब्ध है। यह स्थिति प्रखंड में चल रही योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर स्पष्ट इशारा करती है। कोयोपाड़ा में बंगला ईंट से नौ धाप वाला बन रहा यह सीढ़ी घाट केवल एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का एक जीता-जागता उदाहरण है। यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचने के बजाय कुछ लोगों की जेबें भरने का जरिया बन रहा है। निर्माण स्थल पर रखे सैकड़ों बंगला ईंट इस ओर इशारा कर रहे हैं कि अभी और भ्रष्टाचार होना शायद बाकी है।
नियमों की अनदेखी, बंगला ईंट का खुला खेल :- नियमानुसार किसी भी सरकारी योजना में बंगला ईंट का उपयोग पूर्णतः वर्जित है। इसके बावजूद, कोयोपाड़ा में बेधड़क बंगला ईंट से सीढ़ी घाट का निर्माण हो रहा है। योजना को लेकर कई बार पंचायत सचिव ढेना हेम्ब्रम से इस योजना की योजना संख्या, प्राक्कलित राशि और अन्य विवरण की जानकारी लेने का प्रयास किया गया। लेकिन दो बार टालमटोल कर बाद में फोन रिसीव करना ही बंद कर दिया। कोई स्पष्ट जवाब ही नहीं मिला। यह व्यवहार इस बात का संकेत देता है कि कहीं न कहीं इस योजना में बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है।
किस मद से हो रहा काम, ग्रामीणों को नहीं है जानकारी :- कोयोपाड़ा के कुछ ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बिचौलिए की मदद से इस योजना को अंजाम दिया जा रहा है। सवाल यह उठता है कि आखिर किसके आदेश पर और किस मद से यह निर्माण कार्य हो रहा है? बिना किसी पारदर्शिता के इस तरह का निर्माण कार्य न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि सरकारी धन के दुरुपयोग का भी प्रमाण है।
बिना योजनाओं की स्वीकृति के कैसे हो रहे हैं काम :- वरीय अधिकारियों की जानकारी के बिना हो रहे इस कार्य से यह स्पष्ट होता है कि प्रखंड स्तर पर योजनाओं की निगरानी में भी भारी चूक हो रही है। यह मामला केवल एक सीढ़ी घाट के निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रखंड में योजनाओं के क्रियान्वयन में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करता है। बिना योजना संख्या, प्राक्कलित राशि और उचित अनुमोदन के इस तरह के निर्माण कार्य न केवल सरकारी नियमों की अवहेलना हैं, बल्कि आम जनता के हितों पर भी कुठाराघात हैं।
क्या कहते हैं बीडीओ:- योजना के बाबत जब प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रमोद कुमार गुप्ता से जानकारी ली गयी तो उन्होंने कहा कि ऐसी किसी योजना की कोई जानकारी मुझे नहीं है। यह गंभीर मामला है। इसकी जांच करवाकर उचित कार्रवाई की जाएगी।