राज्य और राजनीति
चंदन मिश्र
झारखंड में विधानसभा चुनाव साढ़े चार साल बाद होंगे, लेकिन भाजपा ने संताल परगना में अभी से पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास , संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी लगातार संताल परगना का दौरा कर रहे हैं। भाजपा ने लोकसभा और उसके बाद विधानसभा चुनावों में बहुत खराब प्रदर्शन किया था। लोकसभा में संताल परगना की तीन में से सिर्फ एक सीट गोड्डा भाजपा में जीत हासिल की थी। दुमका लोकसभा सीट भाजपा झामुमो के हाथों पराजित हो गई थी। विधानसभा चुनाव में भी भाजपा का बहुत खराब प्रदर्शन हुआ था। भाजपा की तुलना में झामुमो, कांग्रेस और राजद ने बेहतर प्रदर्शन कर लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल की थी। भाजपा छोड़ झामुमो में शामिल होनेवाले नेताओं को अच्छी सफलता मिली थी, जबकि झामुमो छोड़कर भाजपा में आनेवाले नेता चुनाव नहीं जीत पाए थे। रणनीतिक तौर पर भाजपा की यहां जबरदस्त पराजय हुई थी। भाजपा अपनी कमजोरियों को जांचने परखने में लग गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं की नाराजगी समझने की कोशिश कर रहे हैं। संगठन के चुनाव में पूरे क्षेत्र में सक्रिय और योग्य कार्यकर्ताओं को जगह मिले, ऐसा ध्यान दिया जा रहा है।
संताल परगना में भाजपा का अच्छा खासा प्रभाव रहा है। विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पिछले तीन दशक से भाजपा अपने सांगठनिक ढांचों का लाभ लेती रही है। लेकिन सांगठनिक तौर पर भाजपा ज्यों ज्यों कमजोर होती गई, चुनावों में इसका प्रतिकूल असर पड़ता गया। झामुमो ने अपनी राजनीतिक जमीन को लगातार दुरुस्त किया। 2019 के विधानसभा चुनावों में झामुमो ने भाजपा को शिकस्त देकर न सिर्फ सत्ता से बाहर कर दिया। उसके बाद 2024 के चुनाव में भी यही परिणाम दोहराया गया।
भाजपा के अंदर चुनावी हार के कारणों की समीक्षा के बाद नेताओं का सघन दौरा शुरू हो गया। चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी एक दर्जन से ज्यादा बार संताल परगना का दौरा कर चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी दो तीन राउंड संताल परगना का दौरा कर चुके हैं। इधर संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह का संताल दौरा बहुत अहम है। भाजपा आनेवाले चुनाव से पहले संगठन के सभी कील कांटे दुरुस्त करने में जुट गई है। सरकार की कमजोरियों को उजागर करने के साथ साथ भाजपा अपनी ताकत को भी पहचानने की कोशिश कर रही है। नेताओं के इस ताबड़ तोड़ दौरे से कार्यकर्ताओं और जिला स्तर के नेताओं में उत्साह और ऊर्जा का लगातार प्रवाह हो रहा है। प्रदेश के वरिष्ठ नेता संताल परगना पर नियमित रूप से ध्यान लगाएंगे तो भविष्य में इसका लाभ मिलना तय है।
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