दुमका । झारखंड राज्य पेंशनर समाज दुमका के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ में पेंशनर साथी पंडित चंद्रशेखर मिश्र की अगुवाई में बुधवार को बड़े हर्षोल्लास से अक्षय तृतीया का पर्व रामायण एवं गीता पाठ के साथ मनाया गया जिसमे अध्यक्ष लक्ष्मी कांत ठाकुर ने बताया कि भगवान परशुराम का जन्म इसी दिन हुआ है जो अन्याय के खिलाफ पूरी जिंदगी लड़ते रहे ।आज फिर उनके आगमन की जरूरत है ।सचिव तारणि प्रसाद कामत ने आज के परिपेक्ष्य में इस पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला ।मो अब्दुल रसीद ने कहा कि पर्व कोई भी हो वो भाईचारा और अमन चैन का पाठ पढ़ाता है । कोषाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र ने इस पर्व को कृष्ण सुदामा के दोस्ती से जोड़ते हुए बताया कि यह पर्व अनेक तरह से हमें लाभ पहुंचता है ।मीडिया प्रभारी डॉ कुंदन झा ने अक्षय तृतीया पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है, जिसका हिंदू धर्म में सामाजिक, वैज्ञानिक और राजनैतिक महत्व है। यह तिथि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है और इसे “अबूझ मुहूर्त” भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि इस दिन बिना किसी विशेष मुहूर्त के कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता अक्षय तृतीया को शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए एक अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। इस दिन लोग विवाह, गृह प्रवेश, नए व्यवसाय की शुरुआत, और अन्य शुभ कार्य करते अक्षय तृतीया पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है। लोग इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करते हैं, और ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया दान बहुत अधिक फलदायी होता है. अक्षय तृतीया को लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं, जिससे सामुदायिक एकजुटता और भाईचारे की भावना बढ़ती है. अक्षय तृतीया के दिन लोग भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं, और ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि आती है. ज्योतिषशास्त्र में अक्षय तृतीया को सूर्य और चंद्रमा के शुभ प्रभाव का दिन माना जाता है, जिससे इस दिन किए गए कार्यों का शुभ फल मिलता है.
अक्षय तृतीया वसंत और ग्रीष्म ऋतु के संधिकाल का पर्व है, जो प्रकृति में होने वाले परिवर्तनों को दर्शाता है.
कुछ लोग अक्षय तृतीया को स्वास्थ्य लाभ के लिए भी महत्वपूर्ण मानते हैं। पुराणों के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है.
अक्षय तृतीया को राजनीतिक दल भी अपने संदेशों को प्रसारित करने के लिए उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, वे इस दिन नए कार्यक्रमों की शुरुआत कर सकते हैं या किसी खास पहल को शुरू कर सकते हैं.
अक्षय तृतीया को सामाजिक जागरूकता अभियान चलाने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि पर्यावरण संरक्षण या महिला सशक्तिकरण पर.
अक्षय तृतीया के दिन राजनेता जनता के साथ अधिक बातचीत करते हैं और उनके मुद्दों को सुनने के लिए समय निकालते हैं. कुल मिलाकर, अक्षय तृतीया एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसका सामाजिक, वैज्ञानिक और राजनैतिक महत्व है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है, शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए प्रेरणा देता है, और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देता है।मौके पर उपाध्यक्ष श्यामा देवी यादव अरुण कुमार झा रामानंद मिश्र संयुक्त सचिव माधव कुमार सिंह अरविंद मिश्रा शंकर झा जय करण मंडल गनौरी राय बाणेश्वर राय मालिक दास पुरन देशवाल राजेंद्र झा प्रद्युम्न शर्मा रामपत रविदास अमीन प्रसाद हरिजन राधे मिस्त्री विनोदी रविदास अंजनी कुमार सिंह गोपाल झा सीताराम यादव गणेश साह हीरा लाल साह जगन्नाथ झा आदि उपस्थित थे तथा प्रसाद के रूप में खीर और मिठाई ग्रहण किए ।