गांधीनगर । डांग की ‘गोल्डन गर्ल’ सरिता गायकवाड़ ने 2018 में आयोजित एशियाई खेलों में महिलाओं की 4×400 मीटर रिले टीम प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक और मुरली गावित ने 2019 की एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पुरुषों की 10,000 मीटर प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर राज्य का नाम रोशन किया।
राज्य में खेल के वातावरण को बढ़ावा देने के लिए गुजरात खेल प्राधिकरण (एसएजी) ने विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की, जिनमें स्कूल स्पोर्ट्स कॉन्टैक्ट प्रोग्राम, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, खेल प्रतिभा पुरस्कार, शक्तिदूत योजना, इनस्कूल योजना, जिला स्तरीय खेल स्कूल (डीएलएसएस) और खेल महाकुंभ आदि शामिल हैं। गुजरात सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए उन्हें योजना के अनुसार स्पेशल कोचिंग, स्पोर्ट्स किट, स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर, यात्रा व्यय और पोषण सहित तमाम सुविधाएं मुहैया कराती है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात ने स्पोर्ट्स पॉलिसी 2022-27 लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य राज्य में स्पोर्ट्स इकोसिस्टम विकसित करना है। इस नीति के तहत राज्य में आदिवासी लोगों के बीच खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। राज्य सरकार नई पहल और सहायता के जरिए आदिवासी खिलाड़ियों में जोश भरने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके अंतर्गत वर्ष 2023-24 में अरवल्ली, बनासकांठा, भरूच, दाहोद, डांग, नर्मदा, नवसारी, पंचमहाल, साबरकांठा, सूरत, तापी और वलसाड के 15 जिला स्तरीय खेल स्कूलों के लिए 13,91,70,615 रुपए का अनुदान आवंटित किया गया है। इन स्कूलों में 1000 से अधिक आदिवासी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। यही नहीं, गत 10 वर्षों में 15 आदिवासी खिलाड़ियों को खेल प्रतिभा पुरस्कार के रूप में 1 करोड़ 39 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई है।
गुजरात सरकार ने राज्य के होनहार खिलाड़ियों में निहित क्षमता को ध्यान में रखते हुए उन्हें आवश्यकता-आधारित सुविधाएं उपलब्ध कराकर ‘चैंपियन’ तैयार करने के लिए ‘शक्तिदूत योजना’ लागू की है। इस योजना के अंतर्गत सरिता गायकवाड़ को वर्ष 2017 से 2024 के दौरान 12 लाख रुपए की सहायता दी गई है, जबकि मुरली गावित को इसी अवधि के दौरान 55,92,806 रुपए की सहायता प्रदान की गई है। राज्य सरकार ‘स्वामी विवेकानंद गैर-निवासी प्रतिभा संवर्धन केंद्र’ के अंतर्गत प्रति खिलाड़ी सालाना लगभग 65 हजार रुपए का खर्च करती है। इस योजना के अंतर्गत 336 आदिवासी खिलाड़ियों का चयन किया गया है, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर 7 रजत और 17 कांस्य सहित कुल 24 पदक जीते हैं। वहीं, राज्य सरकार द्वारा स्वामी विवेकानंद प्रतिभा संवर्धन केंद्र-आवासीय अकादमी के तहत प्रति खिलाड़ी सालाना लगभग 3 लाख रुपए का खर्च किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत आदिवासी क्षेत्र के 444 खिलाड़ियों का चयन किया गया है, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर 350 और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 41 सहित कुल 391 पदक अपने नाम किए हैं।