पटना । बिहार में दो दिग्गज नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच जाति और डिग्री को लेकर विवाद छिड़ गया। केंद्रीय मंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जाति को लेकर सवाल उठाते हुए सीधे हमला बोल दिया। मांझी के बयान पर लालू यादव ने भी उसी अंदाज में उन्हें जवाब दिया।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि लालू, प्रसाद यादव नहीं हैं। इस पर लालू यादव ने पलटवार किया और पूछा, मांझी मुसहर हैं क्या? मांझी ने कहा कि उन लोगों की पहले डिग्री बताएं। हम तो पढ़े-लिखे हैं लेकिन तेजस्वी हमें शर्मा कहते हैं तो पहले वह अपने पिताजी (जाति) को बताएं। उसके पिताजी किसके जन्मे हुए हैं। वह तो गड़ेरिया के जन्मे हुए हैं तो लालू यादव गड़ेरिया हैं। यादव नहीं हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मांझी के तंज पर एक लाइन में जवाब दिया और पूछा, वह मुसहर हैं? वह मुसहर हैं क्या?
यह पूरा विवाद तब सामने आया, जब 19 सितंबर को मांझी ने एक्स पर पोस्ट किया और लिखा, विपक्षी दलों के गुंडे हमारे घर, दरवाजों को तोड़ सकते पर हमारे लोगों का हौसला नहीं तोड़ सकते। घर जलाने वाले लोगों के संरक्षक लालू पाल (गरेड़ी) जी आप राजनीति के लिए अपनी जाति छुपा सकते हैं पर हम नहीं। हम गर्व से कहते हैं-हम मुसहर हैं। लालूजी में हिम्मत है तो वह भी कहकर दिखाएं कि हम गरेड़ी हैं। पूरे बिहार में दलितों के जमीन पर और मुसलमानों के क़ब्रिस्तानों पर किस पार्टी के समर्थकों का क़ब्जा है यह सबको पता है। आपने और आपके लोगों ने बहुत दबा लिया हम लोगों को। अब करारा जवाब मिलेगा।
आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मांझी पर निशाना साधा और कहा कि जीतनराम मांझी और उनका बेटा आरएसएस स्कूल से पढ़े लिखे है, जो आरएसएस कहता है वही बोलते हैं। सच नहीं जानना चाहते हैं कुछ। वह तो केंद्रीय मंत्री हैं तो सीएम से जाकर मिलें। कार्रवाई करें जिसने आग लगाई है उसको जेल में डालो लेकिन बिना तथ्यों के कुछ भी नहीं बोलना चाहिए। वहीं, आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा कि अब लगता है कि पूरे बिहार को प्रमाण पत्र मांझी से ही लेना पड़ेगा। वह इतने सीनियर नेता हैं।
हम पार्टी के प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने कहा कि हिम्मत है तो लालू परिवार अपनी तीन पीढ़ी की वंशावली जारी करें। लालू प्रसाद की जाति को लेकर सबकुछ साफ हो जाएगा। बिहार में जमीन सर्वे के लिए वंशावली देने का काम चल रहा है। हकीकत ये है कि लालू प्रसाद दलित विरोधी मानसिकता के व्यक्ति हैं। उन्होंने दलितों को हमेशा पैरों से दबाकर रखा।