संताल एक्सप्रेस संवाददाता
दीपक मंडल
लिट्टीपाडा (पाकुड़) । अगर हेमंत सरकार में हिम्मत है तो झारखण्ड के 13 ज़िला में पेशा कानून लागू करके दिखाएं ।उक्त बाते अपने एकदिवसीय दौरे पर आए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने लिट्टीपाडा के सिमलजोड़ी गांव के एक जन चौपाल मे ग्रामीणों के से कही।उन्होंने कहा अबुआ का ढोंग रचने वाले मुख्यमंत्री आदिवासी समाज का विकास उनकी डिक्शनरी में ही नहीं है। संथाल पहाड़िया समाज को बेकूफ बनाकर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा यहां आदिवासी मुख्यमंत्री है इसके बावजूद भी संथाल आदिवासी समाज आज अति पिछड़े हैं, रोजगार की तलाश में पलायन को मजबूर हैं। लगता है उन्हें सड़क, शिक्षा , बिजली व पानी कि आवश्यकता ही नहीं है।उन्होंने आदिवासी युवकों से कहा उठो जागो औऱ एक हुल क्रांति की ओर बढ़ो । अपने आदिवासी संस्कृति, रीती रिवाज़ व अधिकर को बचाने के लिए पैसा क़ानून लागु होना चाहिए। उन्होंने कहा हेमंत सरकार निकाय चुनाव क्यों नहीं करा रही है।वह वोट बैंक के लिए मैया योजना का आधार बनकर रखा है। वृद्ध, बुजुर्ग को पेशन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड का संविधान गरीब आदिवासी के खून से सींचा गया है । उसी संविधान मे पैसा क़ानून है।देश मे उड़ीसा व झारखण्ड को छोड़कर आठ राज्य मे पैसा क़ानून लागु है।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा पैसा कानून प्राचीन रुदीवादी व्यवस्था है, जिसमे ग्राम सभा का मालिक प्रधान होता है।जिस प्रकार देश को लोकसभा व राज्य को विधान सभा चलाती है उसी प्रकार गांव को ग्राम सभा चलाने कि व्यवस्था पैसा क़ानून मे है , जो यह सरकार होने नहीं देगी ।मौके पर लिट्टीपाड़ा के पूर्व विधायक दिनेश मरांडी, भाजपा नेता साहेब हांसदा, मिस्फीका,जिला अध्यक्ष अमृत पांडेय, शर्मिला रजक सहित दर्जनों गांव के ग्राम प्रधान आदि उपस्थित थे।
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