3 की मौत…घरों में घुसकर हुई तोडफ़ोड़, हिंसा के बाद हाई अलर्ट…इलाके में धारा 163 लागू, इंटीनेट बंद, पुलिस वाहन फूंके, 10 पुलिसकर्मी घायल
उन्मादी भीड़ ने पिता-पुत्र को पीट-पीटकर मार डाला
– हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने उठाया अफरातफरी का फायदा, दुकानों में की गई लूटपाट
-कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश- सेंट्रल फोर्स तैनात करें, 120 से ज्यादा गिरफ्तार
मुर्शिदाबाद । वक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में शनिवार को फिर हिंसा भडक़ गई। शनिवार को हिंसक भीड़ ने पीट-पीटकर पिता-बेटे की हत्या कर दी। इनकी पहचान हरगोविंद दास (पिता) और चंदन दास (बेटे) के रूप में हई है। दोनों हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे। वहीं, गोली लगने से एक अन्य घायल हो गया। हिंसा जिले के शमशेरगंज ब्लॉक के धुलियान में हुई। 11 अप्रैल को भी धुलियान में हिंसा भडक़ी थी। यहां एक व्यक्ति घायल हो गया था, जिसकी आज अस्पताल में मौत हो गई। लिहाजा मुर्शिदाबाद हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसाग्रस्त इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। उधर, कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के आदेश दिए हैं। विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर कोर्ट ने आदेश जारी किया है। वक्फ कानून के विरोध में राज्य में 10 अप्रैल से हिंसा जारी है।
वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वक्फ कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। कानून केंद्र ने बनाया है, इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र से मांगा जाना चाहिए। मेरी अपील है कि शांत रहें। सबकी जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे न भडक़ाएं। इससे पहले 11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद समेत चार जिलों में हिंसा हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। सुइटी थाना क्षेत्र के साजूर क्रॉसिंग में पुलिस पर क्रूड बम भी फेंके गए। इस दौरान 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए। बीते दिन भी तीन लोगों की मौत की खबर भी आई, लेकिन पुष्टि नहीं हो सकी थी। मामले में अब तक 120 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसाग्रस्त इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
उन्मादी भीड़ ने शमशेर गंज में मचाया तांडव
इसके बाद यहां से लगभग 10 किलोमीटर दूर मुर्शिदाबाद के शमशेर गंज में भी नेशनल हाईवे पर हजारों की संख्या में लोग आ गए। शमशेरगंज के डाक बंगला मोड़ पर प्रदर्शनकारियों ने तांडव मचाना शुरू कर दिया। यहां खड़ी पुलिस की गाडिय़ों में सबसे पहले आग लगाई गई। फिर यहां पुलिस के एक आउटपोस्ट को तोडफ़ोड़ के बाद आग के हवाले कर दिया गया। इतना ही नहीं, सडक़ किनारे दुकानों और दोपहिया वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया और आगजऩी की गई।
गाडिय़ां तोड़ीं, घरों में आग लगाने की कोशिश
उन्मादी भीड़ ने धूलियान स्टेशन के पास रेलवे गेट और रिले रूम को निशाना बनाया। जमकर पथराव किया गया। तोडफ़ोड़ की गई। घर में आग लगाने की कोशिश की गई। इस दौरान रेलवे का स्टाफ किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से निकला। बाद में भारी संख्या में पुलिस और सेंट्रल फोर्सेस के जवान यहां पहुंचे और हालात काबू में किए। अभी इन इलाकों में सेंट्रल फोर्सेस के जवान तैनात हैं, पश्चिम बंगाल की पुलिस तैनात है। इलाके में तनाव बना हुआ है।
राज्यपाल ने शाह से बातचीत की
पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर राज्य के गर्वनर सीवी आनंद बोस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा की। इसके अलावा बोस ने राज्य सरकार को मुर्शिदाबाद, मालदा और दक्षिण 24 परगना जिलों के संवेदनशील इलाकों में उपद्रव के लिए जिम्मेदार उपद्रवियों के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए। राजभवन के जारी वीडियो में बोस ने कहा कि सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित नहीं किया जा सकता है और विरोध के नाम पर लोगों के जीवन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। उन उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जो सोचते हैं कि वे कानून को अपने हाथ में ले सकते हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि बंगाल में अराजकता और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होती जा रही है। उन्होंने कहा, कुछ कट्टरपंथी समूह संविधान और कानून का विरोध कर खुलेआम हिंसा कर रहे हैं। आम लोग असुरक्षित हैं।
शाह बानो मामले जैसा जन आंदोलन बनाया जाएगा
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वक्फ बचाव अभियान का पहला फेज 07 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे। जो पीएम मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे शाह बानो मामले (1985) की तरह व्यापक जन आंदोलन बनाने की बात कही है, जो शहरों से लेकर गांवों तक फैलेगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की महिला विंग अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को जागरूक करेगी। बोर्ड ने समुदाय से संयम बरतने और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से बचने की अपील की गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने वीडियो मैसेज जारी किया है। वीडियो में मुजद्दिदी ने सरकार पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने और धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने वीडियो में कहा कि यह अभियान वक्फ संपत्तियों की रक्षा और विधेयक को निरस्त करने की मांग को लेकर चलाया जा रहा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों की प्रकृति और स्वायत्तता को नुकसान पहुंचाएगा, जिसे वे इस्लामी मूल्यों, शरीयत, धार्मिक स्वतंत्रता और भारतीय संविधान के खिलाफ मानते हैं। बोर्ड के मुताबिक आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक विधेयक पूरी तरह निरस्त नहीं हो जाता। इसे वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ अभियान का नाम दिया गया है, क्योंकि बोर्ड इसे संवैधानिक अधिकारों से जोड़ता है।