जरमुंडी, नाला व जामा में पेंच फंसा हुआ है,बाकी सीटों पर संथाल में हम आगे हैं
रांची। झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष व पार्टी के पुराने समर्पित युवा नेता विनोद पांडेय ने प्रथम चरण के चुनाव के बाद यह विश्वास व्यक्त किया है कि दोनों चरणों के चुनाव के बाद झारखंड की जनता के आशीर्वाद से और हेमंत सरकार के जनोपयोगी कार्यों के कारण एक बार पुन: हेमंत सोरेन के नेतृतव में झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनना सौ नहीं दो सौ फीसदी तय है। चुनाव प्रचार में जनता के रुख को देखते हुए पूरे आश्वस्त होकर मैं यह कह रहा हूं। भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए केंद्रीय मत्रियों से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को यहां कई महीनों से झोंक रखा है लेकिन ये बाहरी नेता झारखंड की जनता और खासकर यहां के आदिवासियों व मूलवासियों का दिल नहीं जीत सके। भाजपा के मुख्यमंत्री व एक सांसद द्वारा धनवार के एक निर्दलीय प्रत्याशी को उसके घर से उठाकर सीधे हेलीकॉप्टर में बैठाकर भाजपा की मीटिंग में ले जाकर जबरन भाजपा में शामिल कराना आखिर भाजपा के किस चरित्र का परिचय देता है। यह सब जनता देख सुन रही है। चुनाव व कांग्रेस गठबंधन के भविष्य के संबध में प्रधान संपादक अशोक कुमार ने उनसे लंबी बातचीत की। प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत का प्रमुख अंश:
सवाल: पहले चरण के 43 सीटों पर हुए चुनाव में कितने सीटों पर गठबंधन के उम्मीदवारों के जीतने की उम्मीद है? जबाव: पिछले चुनाव में इन सीटों में 27 सीट पर गठबंधन की जीत हुई थी। इस बार हम 27 सीट से ज्यादा पर हम बढ़त बनाए हुए हैं। उम्मीद है कि तीस सीटों पर गठबंधन की जीत होगी। सवाल: दूसरे चरण के 38 सीटों पर होने जा रहे चुनाव में गठबंधन को कितनी सीटें मिलने की उम्मीद है?
जवाब: 2019 में हम 21 सीटें जीते थे। दूसरे चरण के चुनाव में पहले से बेहतर प्रदर्शन रहेगा।
सवाल: आपने सरकार बनाने का दावा किया है इसका ठोस आधार क्या है?
जबाव: हमारी सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों तक काम किया है। कोरोना में जो काम हुआ है , वह सर्वविदित है। बाहर फंसे मजदूरों को उनके घरों तक हवाई जहाज और ट्रेनों से मुफ्त में पहुंचाने का काम हेमंत सरकार ने किया है। सरकार 200 यूनिट फ्री बिजली दे रही है।किसानों का कर्जा माफ किया गया है। धोती साड़ी योजना के तहत हर गरीब को धोती साड़ी दिया गया है ,सभी वृद्धों को पेंशन मिल रहा है। गरीब छात्रों को विदेशों में पढऩे का मौका पहली बार मिल रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। मंईयां सम्मान योजना के तहत हर महिला को एक हजार उनके खाते में जा रहा है दिसंबर से यह राशि 2500 रुपये हो जाएगी। भाजपा की केंद्र सरकार ने पिछले पांच वर्षों में यहां के लोगों के लिए क्या काम किया है । उनकी सरकार बनेगी तो वे 2100 देंगे। हमारा चुनावी मुद्दा जहां विकास है, वहंी भाजपा का मुद्दा जाति, धर्म और समुदाय विशेष पर केंद्रित है। यहां बंगला देशी आकर चुनाव नहीं लड़ेंगे। हम पूछते हैं कि बंगलादेशी घुुसपैठ के लिए क्या हेमंत सरकार दोषी है। झारखंड की सीमा से अंतरराष्ट्रीय बोर्डर तो टच भी नहीं करती है। बोर्डर पर तो सेंट्रल फोर्सेज तैनात है। केंद्र सरकार का दायित्व है कि वे घुसपैठिए को रोके । इसमें कहीं से राज्य सरकार दोषी नहीं है। इसके लिए प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री सीधे तौर पर जिम्मेवार हैं। घुसपैटिए के सवाल पर हाईकोर्ट ने भी फैक्ट फांडिंग कमेटी बनाकर रिपोर्ट देने को कहा है। भाजपा को झारखंड का हर मुसलमान व बंगलाभाषी घुसपैठिए नजर आते हैं।
सवाल: गठबंधन कुछ सीटों पर दोस्ताना संघर्ष के तहत आपस में क्यों लड़ रही है। इसका लाभ तो एनडीए गठबंधन को मिलेगा। जबाव: हमलोग एक रणनीति के तहत ऐसा कर रहे हैं। इसमें कहीं किसी को नुकसान व विपक्ष को लाभ नहीं होने जा रहा है।
जबाव: पिछले चुनाव के समय झामुमो ने निश्चय पत्र जारी कर पांच साल के अंदर पांच लाख बेरोजगारों को नौकरी देने , नौकरी नहीं देने पर बेरोजगारी भत्ता देने , 1932 खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने तथा ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वायदा किया था लेकिन पांच सालों में उस पर आपकी सरकार अमल नहीं कर सकी। इसके क्या कारण रहे। यह सही है कि पांच लाख बेरोजगारों को सरकार नौकरियां नहीं दे पायी लेकिन हजारों लोगों को नौकरियां दी गयी । हजारों लोगों को स्वरोजगार हेतु कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया गया । 1932 खतियान पर आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है लेकिन भाजपा के लोग पीआईएल दाखिल कर इसे रोकने का काम कर रहे हैं। भाजपा जब सरकार में थी तो ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत कर दिया । भाजपा ओबीसी आरक्षण का विरोधी है।
सवाल: आपके पार्टी के पुराने नेता पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को आपकी पार्टी के लोगों ने उनके मुख्यमंत्री रहते उनके अधिकारों को छीन लिया था। उन्हें स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने नहीं दिया जा रहा था और अंतत: उनसे जबरन इस्तीफा ले लिया गया। वे भाजपा में चले गए।
जबाव: पार्टी ने और खासकर हमारे नेता हेमंत सोरेन ने अपने भाई विधायक बसंत सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन को छोड़कर उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया। उनपर विश्वास व्यक्त किया । भाजपा में जाने की उनकी कुछ मजबूरियां रही होगी। इसी संदर्भ में एक शेर सुनिए कुछ तो मजबूरियां रहीे होंगी, यू कोई बेबफा नहीं होता। सच तो यह है कि जैसा कि भाजपा नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शरमा ने खुलासा किया कि चंपाई सोरेन चार महीने से उनके संपर्क में थे। यानी चंपाई सोरेन ने भाजपा में जाने का मन पहले से बना लिया था कारण चाहे जो रहा हो।