नई दिल्ली । यूपीआई से जुड़े रुपे क्रेडिट कार्ड के जरिए लेनदेन में वित्त वर्ष 2024 के पहले सात महीनों में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। अप्रैल से अक्टूबर 2024 तक 63,825.8 करोड़ रुपये के कुल 750 मिलियन लेनदेन हुए। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष 2024 की समान अवधि की तुलना में दोगुने से भी अधिक है, जब कुल 33,439.24 करोड़ रुपये के 362.8 मिलियन लेनदेन दर्ज किए गए थे।
यूपीआई से जुड़े रुपे क्रेडिट कार्ड की सुविधा सितंबर 2022 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और यूपीआई उपयोगकर्ताओं को क्रेडिट लेनदेन का एक आसान विकल्प प्रदान करना है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बताया कि सरकार ने टियर-2 और उससे नीचे के क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। रुपे क्रेडिट कार्ड पर यूपीआई का जुड़ना इन्हीं पहलों का हिस्सा है। सरकार ने छोटे व्यापारियों को राहत देते हुए 2,000 रुपये तक के लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) और इंटरचेंज शुल्क को शून्य कर दिया है। इससे छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा।
यूपीआई से जुड़े बचत खातों पर भी शून्य एमडीआर नीति लागू है, जिससे ग्राहकों को कम खर्च में डिजिटल लेनदेन की सुविधा मिल रही है। यूपीआई का बढ़ता प्रभाव अक्टूबर 2024 में रिकॉर्ड 16.58 अरब लेनदेन और 23.50 लाख करोड़ रुपये के कुल मूल्य पर देखा गया। नवंबर में भी लेनदेन में सालाना 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें कुल 15.48 अरब लेनदेन और 21.55 लाख करोड़ रुपये का मूल्य दर्ज किया गया। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में यूपीआई लेनदेन की संख्या प्रति माह 25 अरब तक पहुंच सकती है।
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