संताल एक्सप्रेस संवाददाता
दुमका। झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण का चुनावी प्रचार सोमवार को समाप्त हो गया। अब, प्रत्याशी डोर टू डोर कैंपेन के जरिए अपनी किस्मत को संवारने की कोशिश करेंगे। द्वितीय चरण 38 सीटों पर बुधवार को वोट डाला जाना है। जिसमें संथाल परगना में कुल 18 सीट हैं।
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कमल और तीर-कमान की नहीं बल्कि उप़ल बाहा और आ-सार के बीच सीधी लड़ाई
झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव चुनावी पार्टियों की तरफ से प्रचार के लिए अलग -अलग तरीके अपनाए जा रहे हैं। बैनर-पैमप्लेट के अलावा इस बार के चुनाव में सभी पार्टियां गाना भी बना रखा है। एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच इस चुनावी दंगल में बाजी कौन मारेगा यह तो 23 नवंबर को पता चलेगा। बात अगर झारखंड की करें तो यहां भी चुनाव प्रचार में सभी राजनीतिक दल पूरे दमखम से लगे हुए है। लेकिन संथाल परगना के अंतर्गत आने वाले दुमका जिला के चार विधानसभा सीट पर कमल और तीर-कमान की नहीं बल्कि उप़ल बाहा और आ-सार की सीधी लड़ाई है। वस्तुतः यह शब्द संथाल जनजातियों में कही जाती है । दुमका जिला में लड़ रहे सभी राजनीतिक दल संथाल जनजाति को लुभाने के लिए उन्हीं की भाषा से चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
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भाजपा को झामुमो को किला ध्वस्त करने की चुनौती
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने संताल परगना में चार-चार सीटें हासिल की थीं। झामुमो के खाते में नौ सीटें गई थीं। तत्कालीन जेवीएम को एक सीट पर सफलता मिली थी। देवघर, गोड्डा, सारठ और राजमहल में भाजपा ने झंडा गाड़ा तो जामताड़ा, पाकुड़, जरमुंडी और महगामा में कांग्रेस ने बाजी मारी थी। एनडीए गठबंधन और इंडिया गठबंधन ने इस बार ‘गोरिल्ला’ रणनीति और प्रचार प्रसार किया है। इंडिया गठबंधन को अपने जीते हुए सीट को बचाने के लिए रणनीति बनाना पड़ रहा है तो वहीं एनडीए के पास पिछले चुनाव की तुलना में बेहतर करने की चुनौती है। दुमका जिले के अंतर्गत आने वाले चार विधानसभा क्षेत्र के दुमका से झामुमो से बसंत सोरेन और भाजपा के सुनील सोरेन, शिकारीपाड़ा विधानसभा से झामुमो से सांसद पुत्र आलोक सोरेन और भाजपा से परितोष सोरेन, जरमुंडी विधानसभा से कांग्रेसी पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख और भाजपा के देवेंद्र कुंवर एवं जामा विधानसभा से भाजपा के सुरेश मुर्मू और भाजपा के पूर्व नेता जामा विधानसभा से झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी लुईस मरांडी सहित इन सभी का किस्मत दांव पर है। इन सभी प्रत्याशियों की जीत हार पर सभी की नजरें होंगी।बीजेपी का मानना है कि अगर झारखंड की सत्ता में आना है तो संथाल में झामुमो के गढ़ तो तोड़ना होगा।एनडीए के पास पिछले चुनाव की तुलना में बेहतर करने की चुनौती है।
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मतदान केंद्रों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना
दुमका। 20 नवंबर को होने वाली अंतिम चरण के मतदान को लेकर मंगलवार को पोलिंग पार्टी को रवाना कर दिया गया। दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज से मतदान कर्मियों को ईवीएम, सूखा राशन, फर्स्ट एड बॉक्स समेत अन्य सामग्रियां प्रदान की गई। जिसकी मॉनिटरिंग जिले के उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे और एसडीओ कौशल कुमार ने की। दोनों अधिकारियों ने बताया कि शांतिपूर्ण और सुरक्षित मतदान की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। सभी बूथों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।