राज्य और राजनीति
भाजपा सभी सहयोगियों को देगी तवज्जो
चंदन मिश्र
झारखंड में चुनाव की दुंदुभी कभी भी बज उठेगी। चुनाव के मैदान में उतरने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष की चतुरंगी राजनीतिक सेना तैयार होनेवाली है। सत्ता पक्ष का महागठबंधन और विपक्ष का एनडीए गठबंधन अपने-अपने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर अंतिम रूप देने में जुटे हैं। एनडीए के घटक दलों का सीट बंटवारा भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के स्तर पर हो रहा है। सभी घटक दलों के नेता अमित शाह के साथ बैठक कर सीट बंटवारे के फार्मूले को अंतिम रूप देंगे। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और आजसू के बीच अंतिम समय में सीटों का तालमेल टूट गया था, जिसका खामियाजा भाजपा और आजसू, दोनों को भुगतना पड़ा था। इसलिए सीट समझौते को लेकर इस बार भाजपा आलाकमान कोई कसर और चूक नहीं करना चाहता है। इस बार जदयू और रालोजपा भी नई साथी के रूप में सामने आयेंगे।
आजसू को आठ, जदयू को दो सीटें
एनडीए में भाजपा सबसे बड़ी पार्टनर होगी। भाजपा के साथ आजसू पार्टी, जदयू और रालोजपा चुनाव मैदान में उतरेगी। आजसू पार्टी को आठ से नौ सीटें मिल सकती हैं। जदयू को दो और रालोजपा को एक सीट मिल सकती है। आजसू पार्टी ज्यादा सीटों की मांग कर रही थी। लेकिन आजसू पार्टी को भाजपा उतनी ही सीटें देना चाहती है, जहां उसकी जीत की सबसे अधिक संभावना है। आजसू पार्टी के पास फिलहाल तीन विधायक हैं। तीन सीटिंग सीट तो कन्फर्म हैं। इसके अलावा पांच वैसी सीटें भी उसके खाते में होंगी, जहां आजसू दूसरे नंबर पर बहुत कम मतों के अंतर से हारी है। लोहरदगा सीट आजसू के खाते में जाना तय है। लेकिन चंदनकियारी भाजपा के खाते में जाएगी, जहां से भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी लड़ेंगे।
जदयू लंबे अंतराल के बाद भाजपा के साथ चुनावी मैदान में उतरेगा। वैसे झारखंड में जदयू सांगठनिक रूप से बहुत ही कमजोर है। यहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरयू राय के साथ पुरानी यारी को बरकरार रखते हुए उनके लिए झारखंड में चुनाव मैदान में उतरने का फैसला लिया है। सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी या पश्चिमी विधानसभा से जदयू के टिकट पर लड़ेंगे। भाजपा छोड़ जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय बने विधायक सरयू राय और तमाड़ के पूर्व विधायक राजा पीटर उम्मीदवार होंगे। जदयू को दो से ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद नहीं है।
रालोजपा (रामबिलास) को एक सीट मिल सकती है और अंतिम समय बात नहीं बनी तो नहीं भी सकती है। भाजपा सबसे अधिक सीटों पर लड़ेगी, इतना तो तय है।
भाजपा अगले कुछ दिनों के अंदर अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेगी। यह सूची 30 से 35 उम्मीदवारों की हो सकती है। भाजपा एन डी ए गठबंधन को फुलप्रूफ बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। एनडीए इस बार सभी जाति, वर्ग और समुदाय के लोगों को टिकट बंटवारे में तवज्जो देगी, इतना तय है।