हाईकोर्ट ने एसपी से पूछा- पता कीजिये कैसे हुआ
इलाहाबाद । इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अजीब मामला सामने आया है, जिसमें व्यक्ति की मौत के तीन साल बाद शब्द प्रकाश के भूत ने याची के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस विवेचना अधिकारी ने उस भूत का बयान भी दर्ज किया और चार्जशीट भी अदालत में दाखिल कर दी। हैरानी तो इस बात की है कि भूत ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में 19 दिसंबर 23 को वकालतनामा पर हस्ताक्षर भी कर दिया। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी भी यह सब देखकर हैरत में पड़ गए। उन्होंने कहा कि केस के तथ्य से वह अवाक हैं। आखिर किस तरह पुलिस अपराध की विवेचना करती है। पुलिस ने तीन साल पहले मरे आदमी का बयान कैसे दर्ज कर लिया। इस मामले में कोर्ट ने एसपी कुशीनगर को निर्देश दिया है कि भूत निर्दोष को परेशान कर रहा है, विवेचना अधिकारी को अपना बयान दर्ज करा रहा है। ऐसे विवेचना अधिकारी की जांच कर रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट ने इसके साथ ही याची पुरूषोत्तम सिंह व चार अन्य के खिलाफ आपराधिक केस कार्यवाही को रद्द कर दिया। गौरतलब है कि शिकायतकर्ता शब्द प्रकाश की मौत 19 दिसंबर 2011 को हो गई थी, जिसका समर्थन सीजेएम कुशीनगर की रिपोर्ट में भी किया गया है। उन्होंने मृतक की पत्नी के बयान व मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर रिपोर्ट दी। मृत व्यक्ति के भूत ने 2014 में कोतवाली हाता में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने 23 नवंबर 2014 को चार्जशीट दाखिल कर दी और भूत को अभियोजन गवाह नामित कर दिया। याचिका में केस कार्यवाही की वैधता को चुनौती देते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई थी।