सारठ में सबसे ज्यादा पिछड़ी जाति की संख्या है
शेखर सुमन
देवघर। सारठ विधानसभा चुनाव 2024 परिणाम सारठ झारखंड के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। सारठ एक जनरल सीट है। बीजेपी,और झारखंड मुक्ति मोर्चा इस निर्वाचन क्षेत्र में मुख्य दल हैं। 2019 के विधानसभा मे बीजेपी के रणधीर कुमार सिंह ने 28,720 वोटों के अंतर से इस सीट पर जीत हासिल की थी। उन्हें 42.50 % वोट शेयर के साथ 90,895 वोट मिले थे। उन्होंने जीवीएम के उदय शंकर सिंह को हराया था, जिन्हें 62,175 वोट (29.07%) मिले थे। 2014 के विधानसभा चुनाव में रणधीर कुमार सिंह ने इस सीट से जीत हासिल की थी। 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 33.78% वोट शेयर के साथ 62,717 वोट मिले थे। बीजेपी उम्मीदवार उदय शंकर सिंह को 48,816 वोट (26.29%) मिले। रणधीर कुमार सिंह ने उदय शंकर सिंह को 13,901 वोटों के अंतर से हराया था। इस क्षेत्र में झामुमो, जेवीएम या भाजपा समेत सभी दलों के प्रत्याशियों का कभी न कभी पूर्व विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह से मुकाबला जरूर रहा है. वर्ष 2019 में रणधीर सिंह ने पहली बार भाजपा को जीत दिलाई थी जबकि इससे पहले वर्ष 2014 में रणधीर सिंह जेवीएम से जीत दर्ज किए थे। सारठ विधानसभा क्षेत्र में आबादी की बात करें तो सारठ में सबसे ज्यादा पिछड़ी जाति की संख्या है, जिसमें दलित मंडल और महतो की संख्या करीब 23 प्रतिशत है. इसके बाद मुस्लिम और आदिवासी की संख्या करीब बीस-बीस प्रतिशत है. वहीं, अगड़ी जाति में भूमिहार दस प्रतिशत, राजपूत और ब्राह्मण की संख्या करीब पांच-पांच प्रतिशत है. हालांकि सारठ विधानसभा सीट से ज्यादातर प्रत्याशी भूमिहार होते हैं और जीतने वाले विधायक भी भूमिहार जाति से ही होते हैं. इसलिए यह माना जाता है कि भूमिहार वोटर कहीं ना कहीं निर्णायक भूमिका निभाते हैं। बता दें कि झारखंड गठन के बाद सारठ विधानसभा सीट पर पहली बार जेएमएम से शशांक शेखर भोक्ता ने जीत प्राप्त की थी। उन्होंने सारठ के दिग्गज नेता उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह को 13 हजार मतों से हराया था। जबकि चुन्ना सिंह वर्ष 1985 से वर्ष 2000 तक लगातार इस सीट से जीतते रहे. चुन्ना सिंह इस विधानसभा सीट से निर्दलीय भी जीत चुके हैं। 2005 में उन्होंने शशांक शेखर भोक्ता को हराया था। 2019, 2014 और 2009 के विधानसभा चुनाव में वो लगातार दूसरे नंबर पर रहे।