साहिबगंज- सदर अस्पताल के बिगड़े हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। उपायुक्त के लाख प्रयास के बावजूद मसला जस का तस है. ड्यूटी को लेकर एक बार उभरा विवाद अब तक सुलझ नहीं सका है. इस विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है. पिछली बार उभरे विवाद को दूर करने के लिए डीडीसी की निगरानी में कई प्रयोग किये गए. जिसमें से एक प्रभारी डीएस की प्रतिनियुक्ति भी थी. तब इस विवाद को सुलझाने के लिए डॉ मोहन मुर्मू को प्रभारी डीएस और डॉ मुकेश कुमार को प्रशासनिक डीएस बनाया गया था. दोनों के रीजन में कुछ दिनों तक हालात सुधरे. लेकिन फिर मुद्दे ने सिर उठाना शुरू कर दिया. सुधार की कवायद के बीच लगातार बढ़ते रार को देख प्रभारी डीएस व प्रशासनिक डीएस ने पद से इस्तीफा दे दिया. सिविल सर्जन ने तब डॉ सलखु सोरेन को डीएस का प्रभार सौंपा. इस बीच प्रभारी अस्पताल मैनेजर को भी बदल दिया गया. इधर एक बार फिर ड्यूटी को लेकर विवाद गहराने लगा है. हालात यहां तक पहुंच गए कि प्रशासनिक डीएस रहे डॉ मुकेश पर जांच कमिटी बैठ गई. दरअसल कुछ दिनों पूर्व नए अस्पताल मैनेजर ने डॉ मुकेश की डीसी से शिकायत कर दी. जिसके बाद डीसी हेमंत सती ने मामले की जांच का जिम्मा डीडीसी, सदर एसडीओ व डीएसओ को जांच का जिम्मा सौंप दिया. डॉ मुकेश पर लगे आरोपों की जांच शुरू हुई तो जनता में ये सवाल उठने लगा कि ड्यूटी के प्रति हमेशा सजग रहने वाले डॉ मुकेश ने ऐसा क्या कर दिया कि उन पर जांच बैठ गई. लोगों में चर्चा है कि अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के लिए प्रशासन ने कभी जिस पर भरोसा किया था. क्या उस डॉक्टर पर लगाये गए आरोप उस भरोसे से बड़े हैं.खैर जनता में चर्चा है तो सवाल उठना लाजमी है. अब कमिटी जांच कर क्या रिपोर्ट सौंपेगी ये देखने वाली बात होगी. इस बीच डॉ मुकेश ने इस मामले में कुछ भी बताने से इनकार करते हुए बस इतना कहा कि उन्हें जांच टीम पर भरोसा है.
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