नई दिल्ली । ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश के गद्दारों की पोल खुलने लगी है। ये वो लोग हैं जो पाकिस्तान के लिए जासूस करने के आरोप में पकड़े गए हैं। इनमें कुछ सरकारी कर्मचारी हैं तो कुछ इंजीनियर है। जासूसी के आरोप में राजस्थान, महाराष्ट्र और मेवात से तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राजस्थान में राज्य सरकार के कर्मचारी को आईएसआई के लिए जासूसी करने के संदेह में हिरासत में लिया गया है। राज्य के रोजगार विभाग में कार्यरत शकूर खान मंगलियार को सीआईडी और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त टीम ने जैसलमेर स्थित उसके कार्यालय से हिरासत में लिया है। मंगलियार पर कांग्रेस से कनेक्शन के भी आसार जताए जा रहे हैं। फिलहाल अधिकारी मंगलियार और सीमा क्षेत्र के एक कांग्रेसी नेता के बीच संदिग्ध संबंधों को लेकर भी जांच कर रहे हैं। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों ने राजनीतिक संबंधों पर टिप्पणी करने से मना कर दिया है।
पाकिस्तानी सीमा से सटे बड़ौदा गांव में मंगलिया की ढाणी के निवासी मंगलियार पर कई हफ्ते से निगरानी रखी जा रही थी। जांचकर्ताओं को उसके फोन से कई पाकिस्तानी नंबर भी मिले हैं और रिपोर्ट में कहा गया है कि वह विश्वसनीय गवाही नहीं दे सका। उसने हाल के सालों में कम से कम सात बार पाकिस्तान की यात्रा करने की बात स्वीकार की है, जिससे चिंताएं और बढ़ गई है। खुफिया सूत्रों ने मंगलियार और पाकिस्तान दूतावास के एक अधिकारी के बीच संभावित संबंधों का खुलासा किया है, जिससे आईएसआई के साथ उसके संबंधों को पता चलता है। मंगलियार पिछली कांग्रेस की राज्य सरकार के दौरान कांग्रेस के एक पदाधिकारी के निजी सहायक के रूप में भी काम कर चुका है।
मेवात से जासूस गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की एक स्पेशल सेल ने हरियाणा के मेवात से जासूसी के आरोप में कासिम नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि कासिम दो बार पाकिस्तान जा चुका है, जहां उसे बकायदा ट्रेनिंग भी दी गई थी। वह भारत में रहकर सेना से जुड़ी संवेदनशील और खुफिया जानकारी आईएसआई को भेज रहा था।कासिम का भाई भी आईएसआई एजेंट था, जो फिलहाल फरार है।कासिम 2 बार पाकिस्तान गया था और कुल तीन महीने तक पाकिस्तान में रुका था। उसने पाकिस्तान में जासूसी की ट्रेनिंग ली थी।
महाराष्ट्र से जासूस गिरफ्तार
महाराष्ट्र एटीएस ने जासूसी के आरोप में रविंद्र मुरलीधर वर्मा नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के संपर्क में था।रविंद्र मुरलीधर पर आरोप है कि उसने केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित संवेदनशील और गोपनीय जानकारी को सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के साथ साझा की थी।
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपी महाराष्ट्र के ठाणे के कलवा इलाके का रहने वाला है। जांच में पता चला कि रविंद्र वर्मा नवंबर 2024 में फेसबुक के ज़रिए एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के संपर्क में आया था। नवंबर 2024 से मई 2025 के बीच उसने व्हाट्सएप के माध्यम से वॉरशिप की डिफेक्ट लिस्ट जो कि गोपनीय और संवेदनशील क्षेत्रीय जानकारी है उससे जुड़ी जानकारी भेजी थी।
रविंद्र मुरलीधर वर्मा एक निजी कंपनी के लिए काम करता था और इस कंपनी को नेवल डॉक कुछ वॉरशिप से जुड़े कामों को सबलेट किया करती थी।