बेंगलुरु । डिजी यात्रा ऐप के डाउनलोड्स की संख्या 1.5 करोड़ के पार पहुंच गई है। लोग एयरपोर्ट पर बायोमेट्रिक और कॉन्टेक्टलेस एंट्री को महत्व दे रहे हैं। यह जानकारी शुक्रवार को डिजी यात्रा फाउंडेशन ने दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डिजी यात्रा फाउंडेशन द्वारा जारी बयान में कहा है कि डिजी यात्रा चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग करने वाली एक सेल्फ-सॉवरेन आइडेंटी ऐप है। बढ़ते प्रचलन के कारण यह भारतीय हवाई अड्डों के जरिए गोपनीयता-प्रथम, कुशल और परेशानी मुक्त आवागमन सुनिश्चित करके हवाई यात्रा के भविष्य को परिभाषित करना जारी रखे है।
बता दें दिसंबर 2022 में अपनी स्थापना के बाद से डिजी यात्रा ने देश भर के 24 हवाई अड्डों पर उन्नत चेहरे की प्रमाणीकरण तकनीक को एकीकृत करते हुए 60 मिलियन से ज्यादा बाधारहित यात्राओं की सुविधा प्रदान की है। औसतन 30 हजार दैनिक ऐप डाउनलोड और अगस्त 2025 तक 16.5 मिलियन डाउनलोड के अनुमान के साथ यह प्लेटफॉर्म डिजिटल यात्रा इनोवेशन में नए मानक स्थापित कर रहा है।
2028 तक डिजी यात्रा का लक्ष्य भारत में करीब 80 फीसदी घरेलू हवाई यात्रियों को सेवा प्रदान करना है, वर्तमान में यह आंकड़ा 30-35 फीसदी है। बयान में कहा गया है कि बोर्डिंग पास साझाकरण को सुव्यवस्थित करने के लिए एयरलाइनों और ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों के साथ एकीकरण की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। डिजी यात्रा फाउंडेशन के सीईओ ने कहा कि 15 मिलियन उपयोगकर्ताओं का आंकड़ा पार करना डिजी यात्रा के निर्बाध, सुरक्षित और भविष्य के लिए तैयार यात्रा अनुभव प्रदान करने के विजन में बढ़ते विश्वास की एक मजबूती प्रदान करेगा।
2024 में डी-केवाईसी अभियान और टियर-2 हवाई अड्डों तक विस्तार जैसी पहलों ने हमें व्यापक दर्शकों से जुड़ने में मदद की। उन्होंने बताया कि भविष्य की ओर देखते हुए, हमारा ध्यान अपनी पहुंच बढ़ाने, उपयोगकर्ता सुविधाओं में सुधार लाने और यात्री पहचान प्रबंधन में नए वैश्विक मानक स्थापित करने पर केंद्रित है। डिजी यात्रा आने वाले महीनों में चंडीगढ़, तिरुवनंतपुरम, मंगलुरु और श्रीनगर जैसे चार अतिरिक्त हवाई अड्डों पर अपनी बायोमेट्रिक-आधारित प्रणाली शुरू करेगी। इसके अतिरिक्त यह प्लेटफॉर्म सभी 22 आधिकारिक भारतीय भाषाओं के लिए समर्थन शुरू कर रहा है, जिससे यात्री अपनी पसंदीदा भाषा में हवाई अड्डे की प्रक्रियाओं को नेविगेट कर सकेंगे।