रामगढ़ । जम्मू कश्मीर के अखनूर में हुए आईडी ब्लास्ट में सेना के दो जवान शहीद हुए थे। उनमें हजारीबाग जिले के कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी भी शामिल थे। शहीद करमजीत सिंह बक्शी का पार्थिव शरीर बुधवार की देर रात रामगढ़ पहुंचा। यहां सुभाष चौक पर समाजसेवियों और नागरिकों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। जैसे ही लोगों को यह खबर मिली कि कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी का पार्थिव शरीर रामगढ़ पंजाब रेजिमेंटल सेंटर में आने वाला है, वे लोग सुभाष चौक पर ही फूल मालाओं के साथ खड़े हो गए। घंटों इंतजार करने के बाद बुधवार देर रात जब फूलों से सजा सेना का ट्रक पहुंचा, तो लोगों ने उस वाहन पर ही पुष्प वर्षा शुरू कर दी। कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी को वीरगति प्राप्त होने पर हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने भी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च बलिदान पर समस्त हजारीबाग समेत पूरा कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी का ऋणी रहेगा। ईश्वर वीर सपूत की आत्मा को शांति दें। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है।
वीर शहीद कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी की अंतिम यात्रा गुरुवार को हजारीबाग में निकलेगी। भारत माता चौक से शुरू होते हुए इनके निवास स्थान जुलु पार्क जाएगी। उसके बाद घर से पुराना बस स्टैंड होते हुए बुढ़वा महादेव, अन्नदा चौक, गुरु गोविंद सिंह रोड से हो कर पैगोडा चौक, झंडा चौक, ग्वाल टोली होते हुए खिरगांव रोड होकर मुक्तिधाम खिरगांव तक जाएगी। इस यात्रा में वीर शहीद के सम्मान के लिए लोग अपने हाथों में तिरंगा रखेंगे और अपने निवास स्थान से ही पुष्प वर्षा भी करेंगे।
शहीद कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी को उपायुक्त ने दी श्रद्धांजलि

जम्मू कश्मीर में शहीद हुए हजारीबाग के कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी को रामगढ़ डीसी चंदन कुमार ने श्रद्धांजलि दी। सिख रेजीमेंटल सेंटर में आयोजित शोक सभा में गुरुवार को उपायुक्त ने पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
शहीद कैप्टन करमजीत का पार्थिव शरीर पहुंचा घर
हजारीबाग । जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में मंगलवार को भारतीय सेना के शहीद कैप्टन करमजीत सिंह का का पार्थिव शरीर जैसे ही सेना के वाहन से हजारीबाग स्थित आवास पहुंचा तो परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया। गुरुवार सुबह उनका पार्थिव शरीर जुलु पार्क स्थित आवास पर लाया गया। सेना के जवानों ने कंधा देकर पार्थिव शरीर को उनके पैतृक आवास पहुंचाया। इस अवसर पर जैसे ही करमजीत का पार्थिव शरीर घर पर आया वैसे ही उनकी मां, बहन और पिता ताबूत को पकड़कर दहाड़ मारकर रोने लगे।
इतना देख आसपास के लोग भी करमजीत अमर रहे बोल कर रोने पर मजबूर हो गए। जैसे ही सुबह हुई वैसे ही शहर के नवयुवकों ने हाथ मे तिरंगा और कैप्टन करमजीत के फोटो को लेकर फोर लेन कोणार पुल के पास से तिरंगा लिए बाइक सवार युवकों ने शहीद
करमजीत सिंह के पार्थिव शरीर की अगुवाई की। जैसे ही युवकों को सेना की वाहन दिखाई दिया वैसे ही युवकों ने करमजीत अमर रहे जबतक सूरज चांद रहेगा करमजीत तेरा नाम रहेगा के नारे लगाने लगे।
वहीं सुबह से ही करमजीत के घर पर डीसी नैंसी सहाय, एसपी अरविंद कुमार सिंह, संतोष कुमार, विधायक प्रदीप प्रसाद, कांग्रेस नेता मुन्ना सिंह, सहित उनके घर पर मौजूद थे।
सेना के जवानों ने उनकी मां,पिता, बहन से धैर्य से काम लेने की बात कही। उसके बाद करमजीत के पार्थिव शरीर को अरदास के लिए गुरुद्वारा ले जाया गया। और उसके बाद खिरगांव मुक्ति धाम ले जाकर गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी गई। अंतिम विदाई के दौरान पिता राजेंद्र सिंह और उनकी बहन और उनकी मां खड़ा होकर दहाड़ मार कर रोने लगे।