●विधान सभा चुनाव के मुद्दों और प्रत्याशी पर मंथन कर रहे सभी दल
●इंडी गठबंधन को अपनी सीटों को बरकरार रखने की होगी चुनौती
●भाजपा को संताल परगना में स्थिति बेहतर करने की रहेगी चुनौती
●संताल परगना में 9 सीटों पर झामुमो,5 पर कांग्रेस और 4 सीटों पर है भाजपा का है कब्जा
सुमन सिंह
दुमका । झारखंड में विधान सभा चुनाव की अभी घोषणा नहीं हुई है पर लगभग सभी दल चुनावी मोड में आ चुके हैं।चुनावी मुद्दों और प्रत्याशियों पर हर दल में मंथन चल रहा है।संताल परगना में विधानसभा की कुल 18 सीटें हैं।झारखंड की राजनीति के जानकारों का मानना है कि झारखंड की सत्ता की चाबी संताल परगना के पास ही रहती है। 2019 के विधान सभा चुनावों में संताल परगना की 18 सीटों में 9 सीटों पर झामुमो की जीत हुई थी। जबकि प्रदीप यादव की पोड़ैयाहाट सीट सहित कांग्रेस के पास अभी 5 सीटें है।भाजपा संताल परगना की 18 सीटों में मात्र 4 सीट ही जीत सकी थी।2019 के चुनाव परिणाम के आधार पर संताल परगना में 14 सीटों पर कब्जा के साथ इंडी गठबंधन मजबूत स्थिति में है,जबकि भाजपा महज 4 सीटों के साथ कमजोर स्थिति में है। दोबारा सत्ता में आने के लिए 2024 के विधान सभा चुनाव में जहां इंडी गठबंधन को अपनी सीटों को बरकरार रखने की चुनौती होगी,वहीं भाजपा को संताल परगना में अपनी स्थिति बेहतर करने की चुनौती रहेगी।संताल परगना में विधान सभा चुनाव में इंडी गठबंधन और भाजपा दोनों ही अपनी ताकत झोंकने की तैयारी में हैं।संताल परगना में इस बार जबर्दस्त चुनावी घमासान होना तय है।
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सभी 7 एसटी सुरक्षित सीटों पर है झामुमो का कब्जा
भाजपा के चुनावी रणनीतिकारों ने झारखंड की 28 एसटी सुरक्षित सीटों में आधे से अधिक सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। एसटी सुरक्षित 28 सीटों में संताल परगना में 7 एसटी सुरक्षित सीट है।2019 के विधान सभा चुनाव में भाजपा को संताल परगना में एक भी एसटी सुरक्षित सीट पर जीत नहीं मिली थी। अभी 7 सीटों पर झामुमो के प्रत्याशी जीते थे। यहां तक दुमका सुरक्षित सीट से विजयी हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद जब 2020 में उप चुनाव हुआ,तब भी भाजपा यह सीट नहीं जीत सकी थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल भेजे जाने के बाद आदिवासियों की एकजुटता और 2024 के लोक सभा चुनाव में दुमका संसदीय क्षेत्र से भाजपा की हार के बाद संताल परगना में जो माहौल बना है,वह एसटी सुरक्षित सीटों पर भाजपा के अनुकूल नहीं है। ऐसी स्थिति में संताल परगना की सभी सात एसटी सुरक्षित सीटों पर मुकाबला कड़ा होने वाला है और एक-एक सीट के लिए भाजपा को एड़ी-चोटी एक करना होगा।
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जामा,शिकारीपाड़ा और बोरियो में होगा झामुमो का नया चेहरा
संताल परगना की तीन सीटों-जामा,शिकारीपाड़ा और बोरियो सीटों पर इस चुनाव में प्रत्याशियों को लेकर नजारा बदला हुआ नजर आएगा। जामा में झामुमो के टिकट पर 2019 में विधायक बनीं सीता सोरेन अब भाजपा में हैं।इसलिए 2024 चुनाव में जामा से झामुमो का प्रत्याशी कोई नया चेहरा होगा। शिकारीपाड़ा से झामुमो विधायक रहे नलिन सोरेन अब सांसद बन चुके हैं। इस कारण शिकारीपाड़ा में भी झामुमो का प्रत्याशी नया होगा। नलिन सोरेन के पुत्र आलोक सोरेन शिकारीपाड़ा से झामुमो के संभावित चेहरा हैं।वहीं बोरियो से झामुमो विधायक रहे लोबिन हेम्ब्रम को झामुमो ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है।इसलिए बोरियो से भी झामुमो नया चेहरा उतारेगा। हेमलाल मुर्मू की भी झामुमो में घरवापसी हो चुकी है।
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संताल में दलों की स्थिति
झामुमो-9
कांग्रेस-5
भाजपा-4
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संताल की सीटों से विधायक
दुमका-बसंत सोरेन(झामुमो)
जामा-सीता सोरेन(झामुमो)
शिकारीपाड़ा-नलिन सोरेन(झामुमो)
जरमुंडी-बादल(कांग्रेस)
जामताड़ा-डॉ.इरफान अंसारी(कांग्रेस)
नाला-रविन्द्र नाथ महतो(झामुमो)
महेशपुर-स्टीफन मरांडी(झामुमो)
लिट्टीपाड़ा-दिनेश विलियम मरांडी(झामुमो)
पाकुड़-आलमगीर आलम(कांग्रेस)
बरहेट-हेमंत सोरेन(झामुमो)
राजमहल-अनंत ओझा(भाजपा)
बोरियो-लोबिन हेम्ब्रम(झामुमो)
महागामा-दीपिका पांडेय सिंह(कांग्रेस)
गोड्डा-अमित मंडल(भाजपा)
पोड़ैयाहाट-प्रदीप यादव(कांग्रेस)
देवघर-नारायण दास(भाजपा)
मधुपुर-हफीजुल हसन(झामुमो)
सारठ-रणधीर सिंह(भाजपा)