स्टाफ की कमी के वजह से कई बार कर्मियों को पारिवारिक व सामाजिक समारोह से रहना पड़ता है दूर
एस.के. झा सुमन
दुमका। जिला अग्निशमन विभाग कर्मियों की कमी से जूझ रहा है। सब ऑफिसर के भरोसे जिला अग्निशमन विभाग चल रहा है। यहां दमकल की संख्या पांच हैं, जिसमें तीन वाटर टेंडर,फोम टेंडर 01, मिनी वाटर टेंडर01 है। दमकल को चलाने वाले फायरमैन 7 और लीडिंग फायरमैन 3 है। फायर मैन और ड्राइवर कम होने के वजह से कार्य निष्पादन काफी चुनौतीपूर्ण है। एक गाड़ी में 6 कर्मी की आवश्यकता होती है जिसमें एक हवलदार एक ड्राइवर और 4 फायरमैन की जरूरत होती है। परन्तु 2 कर्मी के भरोसे काम का निपटारा करना पड़ता है। कभी-कभी ऐसी स्थिति आ जाती है कि कहीं अग्निकांड की बड़ी घटना हो जाती है, तो वहां 4-5 दमकल भेजने की आवश्यकता होती है, लेकिन उस वक्त एक बार में दो ही दमकल भेजने की स्थिति में विभाग रहता है। जिससे काफी परेशानी उठाना पड़ता है। जरूरत पड़ने पर बगल के जिला देवघर से दमकल गाड़ी मंगाया जाता है।
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प्रसिद्ध तीर्थ स्थल और उपराजधानी के कारण होता रहता है वीआईपी मूवमेंट
दुमका जिला में प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बासुकीनाथ मंदिर है, जहां सालों भर श्रद्धालु पहुंचते रहते हैं। मलूटी मंदिर में भी सैलानियों के आना लगा रहता है। साथ ही दुमका उपराजधानी होने की वजह से यहाँ वीआईपी मूवमेंट भी काफी अधिक रहता है। ऐसे में फायर स्टेशन में पर्याप्त कर्मियों का होना अति आवश्यक है, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत अग्निशमन सेवा उपलब्ध कराई जा सके । कोई अनहोनी घटना ना हो।
सावन के महीने में चार गाड़ी बासुकीनाथ में प्रतिनियुक्त होता है। 2022 में 80 मामले सामने आए, वहीं 2023 में 75 मामले, 2024 में 108 मामले आए वहीं 2025 जनवरी से अब तक कुल 96 अग्निकांड के मामले सामने आ चुके हैं।
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मूलभूत सुविधा से दमकल कर्मी हैं वंचित
फायर स्टेशन में कर्मियों के लिए घर तो है लेकिन मेंटेनेंस का घोर अभाव है। जुगाड़ के भरोसे काम का निर्वहन होता है। ऊपर में सोलर तो लगा हुआ है परंतु वह सिर्फ मोटर के लिए है। सोलर के पावर को स्टोर करने की कोई व्यवस्था नहीं है जिससे यहां रह रहे कर्मियों को लाभ मिल सके।
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हाइड्रेंट की कमी के कारण हो रही है परेशानी
दमकल दस्तों को नगर के हर कोने में आसानी से पानी उपलब्ध हो सके, इसके लिए हाईड्रेंट स्थापित किए जाने की जरूरत होती है जो सीधे पाइप लाइनों से जुड़े होते हैं। आग बुझाने के दौरान पानी खत्म होने पर फायर टेंडर में नजदीकी हाईड्रेंट से पानी भरने की कमी है। हाईड्रेंट की सुविधा का अभाव है लेकिन 30,000 लीटर क्षमता वाली टंकी है। शहर जलापूर्ति पीएचडी विभाग के द्वारा डीसी चौक पर अवस्थित है जरूरत होने पर उसको हाइड्रेंट के रूप में काम लिया जाता है। निजी तौर पर प्राइवेट संस्थानों में शहर में भारती हॉस्पिटल, सीक्रेट हार्ट स्कूल डॉक्टर तुषार ज्योति का अस्पताल, जीवनदीप, डॉक्टर बगिस, हीरो शोरूम, एसपी कॉलेज, जयप्रकाश नेत्र अस्पताल सहित कई उन जगहों पर हाईड्रेंट की व्यवस्था है।
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संसाधनों और कर्मियों की कमी से जूझ रहा है फायर ब्रिगेड कार्यालय
फायर ब्रिगेड कार्यालय में संसाधनों की कमी के साथ-साथ मैन पावर की भी कमी है। फायर ब्रिगेड कार्यालय में कर्मियों का लगभग पद 28 हैं, जबकि 10 कर्मी और एक ऑफिसर ही कार्यालय में पदस्थापित हैं। इस तरह कुल 11 लोगों के भरोसे जिला फायर स्टेशन है। चार बड़ी गाड़ी है उसमें 6 आदमी प्रत्येक गाड़ी की जरूरत है और एक छोटी है जिसमें चार आदमी की जरूरत है इस प्रकार कुल 28 कर्मियों की जरूरत है । कार्यालय में 4 ही फायर सूट है। इस बाबत फायर ब्रिगेड कार्यालय के हवलदार बिरसा उरांव ने बताया कि दुमका जिला में वाहन में पानी भरने में काफी परेशानी होती है। डीसी आवास के पास एक टंकी है उसका बल्ब ऊपर है। उसे खोलने में भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि फायर वाहन में पानी भरने की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि आपातकाल में फायर कर्मियों को परेशानी नहीं हो। उन्होंने कहा कि आग बुझाने के लिए एक वाहन में छह आदमी की जरूरत होती है जबकि दो आदमी एक ड्राइवर एक सिपाही की भरोसे काम समेटना पड़ता है । पाइप बिछाने में काफी देर हो जाता है । जिससे आग को बुझाने में समय काफी और लग जाता है।
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स्टाफ की कमी के कारण कई बार पारिवारिक व सामाजिक समारोह से रहना पड़ता है दूर
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कर्मी ने बताया कि घर के कई घरेलू पारिवारिक व् सामाजिक कार्यक्रमों में दमकल कर्मी के कमी के वजह से चाह कर भी नहीं जा पाता हूँ। जनता की सेवा में अपनी भागीदारी निभाकर मन को संतोष कर लेता हूँ । क्या करूँ विभागीय दायित्व पूरा करना भी जरूरी है ।
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क्या कहते हैं अधिकारी
दुमका फायर स्टेशन के इंचार्ज संजय कुमार सिन्हा ने जानकारी दी कि जनवरी 2025 से अब तक कुल 96 अगलगी की घटनाएं घट गई है। उन्होंने कहा कि आग लगने की घटना फरवरी, मार्च, अप्रैल में अप्रत्याशित वृद्धि होती है। मई माह से घटनाओं में कमी आने लगती है। कर्मियों की कमी है लेकिन यहां पदस्थापित कर्मियों के भरोसे कार्य को सुचारू रूप से किया जा रहा है। भवन कि समस्याओं को लेकर उन्होंने कहा कि पुलिस हाउसिंग रांची से एक करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है, उससे भवन संबंधी समस्याओं को दूर कर लिया जाएगा। फ्यूल व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि बेनिशा फ्यूल पंप से डीजल लेते हैं लेकिन कभी-कभी कठिनाई का सामना भी करना पड़ता है।
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