●बोल्डर का रॉयल्टी दर 132 रुपए प्रति घन मीटर तो स्टोन चिप्स में उपयोग पर दर 250 रुपए प्रति घन मीटर है
●हाई कोर्ट के आदेश पर झारखंड सर सरकार ने ऐसे मामलों की समीक्षा कर अंतर राशि वसूली का निर्देश जारी किया
सुमन सिंह
दुमका।बोल्डर का रॉयल्टी भुगतान कर पत्थर का उपयोग स्टोन चिप्स बनाने में करने वाले खनन पट्टेधारियों से अंतर राशि की वसूली होगी।बोल्डर फॉर चिप्स मामले में झारखंड हाइकोर्ट के निर्देश के बाद झारखंड सरकार ने ऐसे सभी मामलों की समीक्षा कर राजस्व वसूली का निर्णय लिया है।झारखंड के दुमका, पाकुड़ सहित कई जिलों में बड़ी संख्या में खनन पट्टाधारियों ने खनन किए गए पत्थर का उपयोग स्टोन चिप्स में किया है जबकि रॉयल्टी का भुगतान बोल्डर के दर पर किया है।बोल्डर का रॉयल्टी दर 132 रुपए प्रति घन मीटर है जबकि बोल्डर का उपयोग स्टोन चिप्स के रूप में करने पर रॉयल्टी का दर 250 रुपए प्रति घन मीटर है।रॉयल्टी का यह दर 16 सितंबर 2019 को झारखंड सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना के बाद से लागू है।खनन पट्टेधारियों ने स्टोन चिप्स के रूप में उपयोग किये गए बोल्डर का रॉयल्टी का भुगतान 250 रुपए प्रति की जगह 132 रुपए प्रति घन मीटर का भुगतान कर एक-एक जिला में सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का चूना लगाया है।रॉयल्टी चालान की मॉनिटरिंग जिला खनन पदाधिकारी के स्तर से होती है।सरकारी राजस्व की क्षति के ऐसे मामलों में सितंबर 2019 से लेकर अब तक जिलों में तैनात रहे जिला खनन पदाधिकारियों की भूमिका भी जांच का विषय है।हालांकि अभी सरकार ने खनन पट्टेधारियों से ही राजस्व के अंतर राशि की वसूली का निर्णय लिया है।इस संबंध में झारखंड सरकार के अपर निदेशक खान,(निगरानी,प्रवर्तन,निरीक्षण एवं अनुश्रवण,रांची) ने सभी जिलों के जिला खनन पदाधिकारियों को झारखंड हाई कोर्ट के आदेश से अवगत कराते हुए ऐसे सभी मामलों की समीक्षा कर राजस्व वसूली की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।