कोलकाता रेप-मर्डर केस में सीबीआई ने कोर्ट में पेश की स्टेटस रिपोर्ट
ममता बनर्जी ने पीएम को लिखा पत्र, कहा-न स्कूल सुरक्षित,न अस्पताल
नई दिल्ली । कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हुई हत्या और महाराष्ट्र के बदलापुर यौन शोषण मामले को लेकर देशभर में विरोध की आवाज उठ रही है। इस बीच कोलकाता कांड के मामले में स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दी। रिपोर्ट में सीबीआई ने बताया है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में अपराध स्थल से छेड़छाड़ की गई। इस पूरे मामले में लीपापोती की कोशिश की गई। सीबीआई ने अंतिम संस्कार के बाद एफआईआर दर्ज किए जाने पर भी सवाल उठाए। वहीं प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि मैं आपके ध्यान में लाना चाहती हूं कि पूरे देश में रेप की घटनाएं नियमित रूप से बढ़ रही हैं। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कई मामलों में रेप के साथ हत्या भी की जाती है। यह देखना भयावह है कि देशभर में हर रोज करीब 90 रेप केस होते हैं। उधर, बदलापुर यौन शोषण मामले पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर स्कूल सुरक्षित नहीं हैं, तो शिक्षा के अधिकार का क्या फायदा? यानी देश में महिलाओं और बच्चियों के लिए न स्कूल सुरक्षित हैं, न अस्पताल क्योंकि देश में रोजाना 90 बलात्कार हो रहे हैं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हुई हत्या मामले को सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त को स्वत: संज्ञान लेकर आरजी कर कॉलेज की घटना पर सुनवाई की थी। इसी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई और बंगाल सरकार से घटना की जांच पर स्टेटस रिपोर्ट अदालत में जमा करन का निर्देश दिया था। सीबीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि अस्पताल के सेमिनार हॉल में महिला डॉक्टर का शव मिलने और पुलिस को इसकी जानकारी दिए जाने के बीच में समय का लंबा अंतराल है। ऐसे में सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि अस्पताल प्रशासन, खासकर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने पुलिस को घटना के बारे में जानकारी देने में इतनी देरी क्यों की? सीबीआई बीते शुक्रवार से ही करीब हर दिन 12-14 घंटे संदीप घोष से पूछताछ कर रही है। गुरुवार को भी संदीप घोष से सीबीआई की पूछताछ लगातार सातवें दिन भी जारी रही। सीबीआई इस बात की भी जांच कर रही है सेमिनार हॉल में सबसे पहले महिला डॉक्टर के शव को किसने देखा? अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टर्स से पूछताछ के बाद भी अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि शव को पहली बार सेमिनार हॉल में किसने देखा? सीबीआई ने बताया कि जिन लोगों से पूछताछ की गई है, उनके बयान विरोधाभासी हैं। कोलकाता केस में गैंगरेप नहीं सीबीआई द्वारा अब तक की गई जांच में मृतका के बलात्कार और हत्या में केवल संजय रॉय नामक शख्स की संलिप्तता की ओर इशारा किया गया है। हालांकि जांच अभी जारी है। सीबीआई ने फोरेंसिक रिपोर्ट देखी है। अब तक की जांच में यह बात निकलकर सामने आई है कि संजय रॉय ने ही पीडि़ता का बलात्कार किया और फिर हत्या की थी, यानि अभी रेप और हत्या के मामले में तक केवल एक ही शख्स की संलिप्तता सामने आई है और डीएनए निष्कर्षों ने भी संजय रॉय की संलिप्तता की पुष्टि की है। सीबीआई ने सीसीटीवी फुटेज भी देखी है, जिसमें संकेत मिलता है कि अपराध संजय रॉय ने किया था। सीबीआई ने अटॉप्सी रिपोर्ट का भी विश्लेषण किया है। अभी तक हुई सीबीआई जांच में यह बात सामने निकलकर आई है कि यह बलात्कार और हत्या का मामला है न कि गैंगरेप का। हालांकि, सीबीआई ने अभी तक और लोगों की संलिप्तता और गैंगरेप के सिद्धांत पर अपनी जांच पूरी नहीं की है। सीबीआई इस पर अंतिम राय लेने के लिए स्वतंत्र फोरेंसिक रिपोर्ट विशेषज्ञों की मदद ले सकती है। डॉ. संदीप घोष का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर दुष्कर्म-हत्याकांड मामले में गुरुवार को सीबीआई ने कॉलेज के पूर्व प्रचार्य संदीप घोष को स्थानीय अदालत में पेश किया। यहां सीबीआई ने घोष के अलावा कुछ अन्य लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मांग की। कोर्ट ने इस मांग को स्वीकारते हुए टेस्ट की इजाजत दे दी। डॉक्टर का हत्यारोपी जानवर से कम नहीं कोलकाता के आरजी की मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाला आरोपी संजय रॉय जानवर से कम नहीं है। सीबीआई ने अपनी मनोविश्लेषणात्मक रिपोर्ट में यह दावा किया है। मामले की पूछताछ के दौरान सीबीआई की टीम ने पाया कि घटना के बारे में बताते वक्त आरोपी के चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। सीबीआई जांच के दौरान विशेषज्ञों ने आरोपी के एजेंसी को दिए गए बयानों का सत्यापन किया। इसके बाद बयानों को पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट से जोडकऱ देखा गया। सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक घटना स्थल पर रॉय की मौजूदगी के तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्य मिले हैं। लेकिन डीएनए टेस्ट के परिणाम को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है। जबकि पुलिस ने सीबीआई को मामला सौंपने से पहले कहा था कि पीडि़ता के नाखून के नीचे मिले खून और त्वचा के निशान आरोपी संजय रॉय के हाथ पर लगी चोट से मेल खाते हैं। स्कूल प्रशासन पर पॉक्सो में केस दर्ज हो महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर स्थित एक स्कूल में दो बच्चियों से यौन शोषण मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि अब 4 साल की बच्चियों को भी नहीं बख्शा जा रहा। यह कैसी स्थिति है। कोर्ट ने कहा कि अगर स्कूल ही सेफ नहीं है तो शिक्षा के अधिकार और बाकी चीजों की बात करने का क्या मतलब। हाईकोर्ट ने मामले की जानकारी छिपाने के आरोप में स्कूल प्रशासन के खिलाफ पॉक्सो के तहत केस दर्ज करने को कहा है। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने सरकार से केस डायरी और एफआईआर की कॉपी भी मांगी है। एडवोकेट जनरल बीरेंद्र सराफ ने कोर्ट में सरकार का पक्ष रखा। मंगलवार को मामले की अगली सुनवाई होगी।