एआई के बढ़ते चलन से आईटी क्षेत्र में नियुक्तियों में आ रही गिरावट
नई दिल्ली । सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जोहो के वैज्ञानिक और सह-संस्थापक ने छात्रों को चेतावनी दी है जो बड़े एजुकेशन लोन लेते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों इस तरह का फैसला लेने से पहले सोचने चाहिए क्योंकि एआई के बढ़ते चलन से आईटी क्षेत्र में नियुक्तियों में गिरावट आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक श्रीधर वेम्बू ने कहा कि उनकी कंपनी ने भी एआई और जॉब ऑटोमेशन के प्रभाव के कारण नियुक्तियों में कटौती की है। वहीं टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज आईटी कंपनियां नौकरी बाजारों में एआई के बदलाव के बीच हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा- चिंताजनक स्थिति। एक छात्र ने अमेरिका के एक छोटे से कॉलेज में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के लिए 12 फीसदी की ब्याज दर पर करीब 70 लाख रुपए का लोन लिया, इस लोन का भुगतान तो जल्दी करना होगा लेकिन समस्या यह है कि आईटी क्षेत्र में खासकर विदेशी छात्रों के लिए नौकरियों की स्थिति खराब है।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि इस स्थिति में हम क्या कर सकते हैं क्योंकि हम एआई युग के लिए खुद को उसमें ढाल रहे हैं और इस दौरान हमने ज्यादा भर्तियां नहीं की हैं। भर्तियों में यह सावधानी इसलिए भी है क्योंकि हमारी नीति छंटनी न करने की है। उन्होंने छात्रों और अभिभावकों से आग्रह किया कि वे विदेश और भारत में डिग्री हासिल करने के लिए भारी कर्ज लेने में सावधानी बरतें।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के नाम पर युवाओं को कर्ज में नहीं फंसाना चाहिए। समझदारी इसमें है कि भावी नियोक्ता प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए धन मुहैया कराएं और उद्योग औपचारिक डिग्री मांगने के बजाय वैकल्पिक प्रमाणपत्रों को व्यापक रूप से स्वीकार करें। एक कंपनी के रूप में हम जो सबसे अच्छा निवेश करते हैं वह प्रशिक्षण और कौशल विकास में है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि कंपनियां इसे व्यापक रूप से करेंगी ताकि युवा लोन में न फंसे।
बता दें जुलाई में टीसीएस ने करीब 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी, जो उसके ग्लोबल वर्कफोर्स का करीब 2 फीसदी है, जिनमें से अधिकतर मध्यम और वरिष्ठ स्तर पर हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने 2025 तक 15,000 कर्मचारियों की छंटनी की और एआई में 80 अरब डॉलर का निवेश किया। रेगुलर बैक ऑफिस टास्क, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, आईटी सहायता और ऐसी ही अन्य नौकरियां छंटनी का मुख्य लक्ष्य रहीं।
जहां टीसीएस ने स्किल मिसमैच और कुछ भूमिकाओं को लागू करने में आने वाली कठिनाइयों का हवाला दिया, वहीं समय और पैमाने से संकेत मिलता है कि एआई और स्वचालन को व्यापक रूप से अपनाने के कारण छंटनी हो रही है। भारत के आईटी उद्योग संघ नैसकॉम ने भी इस बात पर जोर दिया है कि आईटी क्षेत्र एक परिवर्तनकारी मोड़ पर है और एआई-ड्रिवन बिजनेस स्किल में तत्काल अपस्किलिंग और क्रॉस-स्किलिंग की जरुरत पर बल दिया।