नई दिल्ली । दिमाग मानव शरीर का सबसे अहम अंग है, क्योंकि यह न केवल शरीर के सभी अंगों को नियंत्रित करता है, बल्कि हमारी सोच, समझ, याददाश्त, और भावनाओं का केंद्र भी होता है। इसकारण दिमाग की हेल्थ का भी ध्यान रखना काफी जरूरी होता है। भले ही आप सक्रिय बने रहते हैं, दिन भर ऑफिस की सीढियां चढ़ते-उतरते हैं, पैदल भी खूब घूमते हैं लेकिन यदि आप लंबे समय तक बैठते हैं, तब इसका असर आपके मस्तिष्क पर होता है। नई रिसर्च से सामने आया हैं कि इससे वास्तव में मेमोरी और निर्णय लेने वाले दिमाग के हिस्से में सिकुड़न हो सकती है। इसके लिए आपको बैठने के समय को कम करना होगा।
शोधकर्ताओं ने 7 सालों में 404 वृद्धों (औसत आयु 71) के सक्रियता लेवल को मापने पर नजर रखी। वे लोग औसतन प्रतिदिन 13 घंटे बैठे रहे। रिसर्च से पता चलता है कि लंबे समय तक बैठे रहने से आपके मस्तिष्क को नुकसान हो सकता है, भले ही आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हों। 7 साल के अध्ययन में सामने आया हैं कि जो वयस्क अधिक समय तक बैठे रहे, उसमें मस्तिष्क सिकुड़न और मानसिक गिरावट अधिक देखी गई। निष्कर्ष इस विचार को चुनौती देते हैं कि रोजाना वर्कआउट, अधिक बैठने से होने वाले नुकसान को कम कर सकता है। जो लोग अधिक बैठते थे, उसमें याददाश्त और अल्जाइमर से जुड़े मस्तिष्क के क्षेत्रों में कमी देखी गई, साथ ही याददाश्त संबंधी टेस्ट में उनकी परफॉर्मेंस भी खराब रहा। बीते रिसर्चों में बैठने को हार्ट डिसीज, डायबिटीज और कैंसर से जोड़ा गया था और यह रिसर्च अब उन साइड इफेक्ट में दिमाग की सिकुड़न को भी जोड़ देता है। लंबे समय तक बैठे रहने से मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है, सूजन बढ़ सकती है और मस्तिष्क कोशिका कनेक्शन बाधित हो सकते हैं। तकनीक, स्मार्टफोन, एआई और रिमोट से चलने वाली हर चीज ने दैनिक जीवन को और भी सुविधाजनक बना दिया है इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि लोग पहले से काफी अधिक समय बैठकर बिताते हैं।