●सात टर्म से लगातार झामुमो से विधायक थे नलिन सोरेन
●विधानसभा चुनाव में शिकारीपाड़ा सीट से सांसद नलिन सोरेन के बेटे आलोक सोरेन हो सकते हैं झामुमो प्रत्याशी
संताल परगना प्रभारी
दुमका । विधानसभा की शिकारीपाड़ा सीट संताल परगना में झामुमो का ऐसा गढ़ है जहां आज तक कभी कमल नहीं खिला।नलिन सोरेन का पिछले 7 टर्म से शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा रहा।2024 के लोकसभा चुनाव में नलिन सोरेन झामुमो के टिकट पर दुमका से जीत कर संसद पहुंचे हैं।
आगामी विधान सभा चुनाव झामुमो के टिकट पर नलिन सोरेन के पुत्र आलोक सोरेन के चुनाव लड़ने की तैयारी है।युवा नेता के रूप में आलोक सोरेन काफी दिनों से शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं।झामुमो के लिए शिकारीपाड़ा सेफ सीट है।भाजपा से जो प्रत्याशी होंगे,उनके लिए राहत की बात बस इतनी है कि नलिन सोरेन जैसे दिग्गज नेता सीधे तौर पर चुनाव मैदान में नहीं होंगे।हालांकि इस सीट से अगर उनके बेटे आलोक सोरेन को टिकट मिलता है तब भी चुनावी रणनीतिकार नलिन सोरेन ही होंगे।नलिन सोरेन पहले से झामुमो में वरिष्ठ राजनेता रहे हैं। जाहिर है,दुमका लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित होने के बाद नलिन सोरेन का कद पार्टी में और बढ़ गया है।शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र का जो जातीय समीकरण है,उसके लिहाज से भी झामुमो काफी मजबूत स्थिति में है और यहां कमल खिलाना भाजपा के लिए कड़ी चुनौती है।
झामुमो के गढ़ रहे शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 2019 के चुनाव में झामुमो का मुकाबला भाजपा से हुआ था।2024 के लोकसभा चुनाव में भी झामुमो और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होना अभी से तय माना जा रहा है।लोकसभा चुनाव 2024 में दुमका लोकसभा क्षेत्र से झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन की जीत में शिकारीपाड़ा का महत्वपूर्ण योगदान था।दुमका लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में 2 विधानसभा क्षेत्रों जामताड़ा और शिकारीपाड़ा में ही झामुमो को लीड मिली थी।शिकारीपाड़ा में झामुमो प्रत्याशी को करीब 25 हजार वोटों से बढ़त मिली थी।
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परितोष और अविनाश सोरेन हैं भाजपा टिकट के दावेदार
दुमका।2024 के विधानसभा चुनाव में शिकारीपाड़ा सीट से भाजपा टिकट के बहुत कम दावेदार हैं।अब तक इस सीट से भाजपा टिकट के मात्र दो दावेदार सामने आए हैं।इनमें पहला नाम परितोष सोरेन का है।
2019 के विधानसभा चुनाव में भी शिकारीपाड़ा सीट से भाजपा ने परितोष सोरेन को चुनाव मैदान में उतारा था।पर वे नलिन सोरेन से करीब 24 हजार वोट से पराजित हो गए थे।इसके पहले वे झाविमो के टिकट से भी नलिन सोरेन से टकरा कर हार चुके हैं।इस चुनाव में भी परितोष शिकारीपाड़ा से भाजपा के टिकट का दावा कर रहे हैं।परितोष सोरेन भाजपा के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
इधर शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा टिकट के दूसरे प्रमुख दावेदार अविनाश सोरेन हैं।वे वर्तमान में दुमका जिला परिषद के सदस्य हैं और भाजपा में युवा मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता के पद पर हैं।कोयला कंपनियों के आने से संभावित विस्थापन के मुद्दा को लेकर अविनाश सोरेन संघर्ष करते रहे हैं।कोल रैक प्वाइंट पर मजदूरों के हित में अविनाश सक्रिय रहते हैं।
परितोष सोरेन और अविनाश सोरेन के अलावा कोई और नाम सामने नहीं है पर भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी में अंतिम समय किसके नाम पर पार्टी आलाकमान मुहर लगाएगी यह कहना अभी मुश्किल है।जीत की संभावना दिखने पर भाजपा कोई नया चेहरा पर भी दांव लगा सकती है।