नई दिल्ली। थकान, तनाव, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए ‘शवासन’ योग लाभकारी साबित हो सकता है। देखने में बेहद आसान लगने वाला यह आसन कई मानसिक और शारीरिक समस्याओं से राहत दिलाने की क्षमता रखता है। शवासन, जिसे ‘मृतक मुद्रा’ भी कहा जाता है, आमतौर पर योग सत्र के अंत में किया जाता है ताकि शरीर को गहराई से विश्राम मिल सके। शवासन करने से न केवल शरीर की मांसपेशियों को आराम मिलता है, बल्कि यह तंत्रिका तंत्र को भी शांत करता है और मानसिक थकान को दूर करता है। इसके नियमित अभ्यास से तनाव, चिंता और अवसाद के लक्षणों में काफी कमी आती है। यह योगासन मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है, जिससे एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है। शवासन हृदय स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। यह हृदय गति को धीमा करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। वहीं, गहरी सांसों और विश्राम के कारण पाचन तंत्र भी बेहतर तरीके से काम करता है, जिससे कब्ज और अपच जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। नींद से जूझ रहे लोगों के लिए शवासन किसी वरदान से कम नहीं है।
यह अनिद्रा को दूर करने में सहायक होता है और नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है। इस योगासन का आध्यात्मिक पक्ष भी है यह व्यक्ति को गहरी ध्यान अवस्था में ले जाकर उसके भीतर की चेतना से जोड़ता है, जिससे आत्मिक शांति मिलती है। शवासन करने के लिए किसी शांत और साफ जगह पर पीठ के बल लेट जाएं। आंखें बंद करें, पैरों को थोड़ी दूरी पर फैलाएं, और हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें और सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। ध्यान रखें कि इस दौरान नींद न आ जाए, वरना अभ्यास का प्रभाव कम हो सकता है।
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