महायुद्ध की आहट से शेयर बाजार हुआ धड़ाम
मुंबई । अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली की आशंकाओं को देखते हुए दौरान वैश्विक बाजारों में बड़ी गिरावट की वजह से सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को भारतीय शेयर बाजार खुलते ही क्रैश हो गया। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 2401.49 अंक गिरकर 78,580.46 पर पहुंच गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 489.65 अंक का गोता लगाकर 24,228.05 पर आ गया। सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, अदाणी पोर्ट्स, मारुति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में सबसे ज्यादा गिरावट आई। शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली के बावजूद सन फार्मा और हिंदुस्तान यूनिलीवर बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। वहीं विदेशी निवेशकों की इस जबरदस्त बिकवाली के बीच सेंसेक्स शुक्रवार को 885.60 अंक गिरकर 80,981.95 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी-50 भी 293.20 अंक लुढ़ककर 24,717.70 पर बंद हुआ। स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को बाजार में 3,310 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। हिंडाल्को 4 फीसदी से ज्यादा गिरकर निफ्टी का टॉप लूजर रहा. टाटा मोटर्स, श्रीरामफाइनेंस, ओएनजीसी और अडाणी पोर्ट्स में भी गिरावट देखने को मिल रही है। ये शेयर निफ्टी के टॉप 5 लूजर हैं। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में 2 फीसदी, स्मॉल कैप में 2.50 फीसदी, ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज और फॉर्मा समेत सभी सेक्टर्स में 1-2 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं एशियाई क्षेत्र में गिरावट का नेतृत्व जापान के बाजारों ने किया, जहां अस्थिर कारोबार के बीच निक्केई 225 में 5.77 प्रतिशत और टॉपिक्स में 7.41 प्रतिशत तक की गिरावट आई। ऑस्ट्रेलिया के एसएंडपी/एएसएक्स 200 में 2.78 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 4.32 प्रतिशत और कोस्डैक में 4.78 प्रतिशत की गिरावट आई। इस बीच हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहा था और इसमें 1.59 प्रतिशत की गिरावट आई।
अमेरिका में शुक्रवार को जुलाई के पेरोल डेटा के बाद मंदी की आशंका गहरा गई। दरअसल इस डाटा में दिखाया गया है कि अमेरिकी बेरोजगारी दर पिछले महीने के 4.1 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर तीन साल के उच्चतम स्तर 4.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसके बाद अमेरिकी बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुए। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक गोल्डमैन सैस के अर्थशास्त्रियों ने अगले 12 महीनों में अमेरिका में मंदी की संभावना 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दी है। उधर हमास चीफ की हत्या के बाद मीडिल ईस्ट में तनाव बढ़ रहा है जिससे ईरान-इजराइल के बीच युद्ध की आशंका गहरा गई है। यह फैक्टर भी वैश्विक बाजार को प्रभावित कर रहा है।
शेयर बाजार में सोमवार को गिरावट की यह रही वजह
1. अमेरिका में नौकरी के बेहद ख़राब आंकड़ों के बाद देश में मंदी की आशंकाओं को बल मिल है जिससे शेयर बाजार का सेंटीमेंट प्रभावित हुआ।
2. चीन और यूरोप पहले से ही मंदी से जूझ रहे हैं और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से भी बाजारों पर और दबाव बढ़ रहा है।
3. अमेरिकी आर्थिक ग्रोथ में मंदी की आशंकाओं के कारण वैश्विक बाजारों में बिकवाली का असर भारत की स्टॉक मार्केट पर भी पड़ा।
4. भारतीय शेयर बाज़ार का मौजूदा वैल्यूएशन बढ़ा हुआ है और विशेषज्ञों का कहना है कि बाज़ार में एक गिरावट देखने को मिल सकती है।