मुंबई । सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) म्यूचुअल फंड के नियमों में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रहा है। इसका मकसद निवेशकों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाना और इंडस्ट्री को और मजबूत करना है। सेबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में कोलकाता में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के 17वें म्यूचुअल फंड सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मौजूदा नियम काफी जटिल और लंबे हैं, जिन्हें सरल करने की जरूरत है ताकि निवेशकों की बदलती जरूरतों और इंडस्ट्री की नई तकनीकों के साथ कदम मिलाया जा सके। उन्होंने बताया कि सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों की समीक्षा शुरू कर दी है। जल्द ही नए नियमों का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा, जिस पर लोगों से राय ली जाएगी। हालांकि, उन्होंने नए नियम लागू होने की कोई समयसीमा नहीं बताई। इसके अलावा म्यूचुअल फंड में सलाहकारी सेवाओं से जुड़े नियमों पर भी एक परामर्श पत्र तैयार किया जा रहा है। सेबी का लक्ष्य है कि म्यूचुअल फंड भारत के वित्तीय बाजार को और मजबूत करें और निवेशकों का भरोसा बढ़ाएं। सेबी ने निवेशकों को ज्यादा विकल्प देने के लिए एक नई प्रोडक्ट श्रेणी एसआईएफ को मंजूरी दी है। यह उन निवेशकों के लिए है जो 10 लाख से 50 लाख रुपये तक का निवेश करना चाहते हैं। म्यूचुअल फंड को इस प्रोडक्ट को संभालने की जिम्मेदारी दी गई है क्योंकि उनके पास मजबूत ढांचा और खुदरा निवेशकों का अनुभव है। साथ ही पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज और ऑल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड के लिए भी तेजी से रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि भारत का म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रहा है। इस समय इसका कुल एयूएम 72 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है और हर महीने एसआईपी के जरिए 28,000 करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है। लेकिन 140 करोड़ की आबादी में सिर्फ 5 करोड़ लोग ही म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2017 के बाद सेबी के निवेशक जागरूकता अभियान से म्यूचुअल फंड निवेशकों की संख्या बढ़ी है।