सीएम हेमंत के अलावा चार मंत्री संताल परगना से
सुमन सिंह
दुमका । गुरुवार को झारखंड में कैबिनेट विस्तार के साथ ही हेमंत सोरेन सरकार के गठन का काम पूरा हो गया।जिन 11विधायकों ने गुरुवार को मंत्री पद का शपथ ली,उनमें सर्वाधिक 4 मंत्री संताल परगना से बने हैं।इसके अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद संताल परगना के बरहेट से विधायक हैं।इस लिहाज से देखा जाए तो हेमंत सोरेन की नई सरकार में संताल परगना का वर्चस्व हो गया है।झामुमो कोटा से मधुपुर के विधायक हफीजुल हसन मंत्री बने हैं।वे पिछली सरकार में भी मंत्री थे।वहीं कांग्रेस कोटा से जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी दोबारा मंत्री बने हैं।कांग्रेस कोटा से ही महागामा विधायक डॉ दीपिका पांडेय सिंह भी रिपीट हुई हैं।संताल परगना के ही गोड्डा से विधायक संजय प्रसाद यादव राजद कोटा से मंत्री बनाये गये हैं।सामाजिक समीकरण को देखें तो संताल परगना से बनाए गए चारों मंत्रियों में दो मंत्री हफीजुल हसन और डॉ इरफान अंसारी मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि दो मंत्री दीपिका पांडेय सिंह और संजय प्रसाद यादव ओबीसी से हैं।हेमंत सोरेन सरकार में संताल परगना का वर्चस्व होना अप्रत्याशित नहीं है।राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि झारखंड में सत्ता की चाबी संताल परगना से मिलती है।2024 में भी हेमंत सोरेन सरकार भारी बहुमत से सत्ता में लौटी है तो इसमें संताल परगना का अहम योगदान है।संताल परगना ने 18 सीटों में 17 सीटें महागठबंधन की झोली में दिया है।इसी समर्थन के अनुरूप हेमंत सोरेन सरकार में संताल परगना को प्रतिनिधित्व भी मिला है।सभी प्रमंडलों में सर्वाधिक चार मंत्री संताल परगना से बनाए गए हैं।
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सभी चार मुस्लिम विधायक संताल से हैं,दो मंत्री बने
इंडी गठबंधन को जो 56 सीटें मिली है उनमें मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय से चार विधायक जीते हैं।वे सभी चार मुस्लिम विधायक संताल परगना से ही हैं।दो मुस्लिम विधायक झामुमो से और दो विधायक कांग्रेस से जीते हैं।झामुमो से हफीजुल हसन मधुपुर से और एमटी राजा राजमहल से विधायक चुने गए हैं जबकि कांग्रेस से डॉ इरफान अंसारी जामताड़ा से और निशात आलम पाकुड़ से विधायक हैं।इन चार मुस्लिम अल्पसंख्यक विधायकों में दो को हेमंत सरकार में मंत्री बनाया जाना स्वाभाविक ही हैं।डॉ. इरफान अंसारी कांग्रेस कोटा से और हफीजुल हसन झामुमो कोटा से मंत्री बने हैं।
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गोड्डा से दो मंत्री, दुमका और पाकुड़ को नहीं मिला प्रतिनिधित्व
संताल परगना से जो चार मंत्री बने हैं उनमें सर्वाधिक गोड्डा जिला से दो मंत्री बने हैं-संजय प्रसाद यादव एवं दीपिका पांडेय सिंह।देवघर जिला से हफीजुल हसन मंत्री बने हैं जबकि डॉ इरफान अंसारी जामताड़ा जिला से हैं।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन साहिबगंज जिला के बरहेट से विधायक है।इस सरकार में दुमका और पाकुड़ जिला को प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका है जबकि दुमका जिला के चार सीटों में तीन सीटों पर झामुमो की जीत हुई हैं।इनमें उपराजधानी की सीट दुमका से बंसत सोरेन लगातार दूसरी बार चुनाव जीत कर विधान सभा पहुंचे हैं।वे मंत्री भी रह चुके हैं।वहीं जामा से झामुमो विधायक डॉ लुईस मरांडी के मंत्री बनाए जाने का एक दिन पहले तक कयास लगाया जा रहा था।इधर पाकुड़ जिला के भी सभी तीन सीटों पर महागठबंधन की जीत हुई है।महेशपुर से झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी और पाकुड़ से निशात आलम को मंत्री पद के रेस में बताया जा रहा था पर पाकुड़ जिले से भी किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है।
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रवींद्रनाथ महतो दोबारा बन सकते हैं स्पीकर
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब लोगों की नजरें स्पीकर पद पर टिकी हुई है।संताल परगना से ही महेशपुर विधायक स्टीफन मरांडी प्रोटेम स्पीकर हैं।सभी नव निर्वाचित विधायकों को प्रोटेम स्पीकर के रूप में स्टीफन मरांडी शपथ दिलाएंगे।उसके बाद स्पीकर का चुनाव होगा।
पिछली बार स्पीकर रहे रविन्द्र नाथ महतो इस बार भी नाला से विधायक निर्वाचित हुए हैं।सूत्रों के अनुसार झामुमो विधायक रविन्द्र नाथ महतो एक बार फिर से स्पीकर बनाए जा सकते हैं।