नई दिल्ली । वकीलों के लिए एक राहत भरी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया और राज्यों के बार काउंसिल वकीलों के रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में हजारों रुपये नहीं वसूल सकते । चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि एडवोकेट एक्ट के मुताबिक वकीलों से उनके रजिस्ट्रेशन के लिए सामान्य वर्ग के लिए 750 रुपये और एससी-एसटी वर्ग के लिए 125 रुपये हैं। ऐसे में बार काउंसिल इससे ज्यादा रजिस्ट्रेशन फीस नहीं वसूल सकते ।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एडवोकेट एक्ट की धारा 24((1) (एफ) के मुताबिक किसी वकील से जितनी फीस तय है उससे ज्यादा कोई राशि नहीं वसूली जा सकती है। इसके मुताबिक सामान्य वर्ग के वकीलों से राज्य बार काउंसिल 600 रुपये और बार काउंसिल ऑफ इंडिया 150 रुपये वसूल सकती है जबकि एससी-एसटी वर्ग के वकीलों के लिए राज्य बार काउंसिल 100 रुपये और बार काउंसिल ऑफ इंडिया 25 रुपये वसूल सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि संसद ने वकीलों के रजिस्ट्रेशन की फीस तय की है और ऐसे में बार काउंसिल इसका उल्लंघन नहीं कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि ये आदेश पहले से रजिस्टर्ड वकीलों के लिए लागू नहीं होगा बल्कि अब जो भी नए वकील रजिस्ट्रेशन कराएंगे उनके लिए लागू होगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी जिसमें राज्यों के बार काउंसिल की ओर से वकीलों के रजिस्ट्रेशन के लिए कई गुना ज्यादा फीस मांगने को चुनौती दी गई थी।