नई दिल्ली । भारत में बैंकिंग क्षेत्र में कभी-कभी इसतरह के घटनाक्रम होते हैं जो लोगों के लिए चिंता का कारण बन जाते हैं। अब मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों के लिए भी ऐसा ही संकट खड़ा हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस बैंक पर कई गंभीर प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे न केवल नया कारोबार ठप हो गया है, बल्कि ग्राहकों को अपने ही पैसे निकालने की अनुमति भी नहीं दी गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर जो प्रतिबंध लगाए हैं, उसके बाद बैंक अब कोई नया कर्ज नहीं दे सकेगा, न ही ग्राहक अपने जमा पैसे निकाल सकते है। यह कदम बैंक की वित्तीय स्थिति और सुपरवाइजरी चिंताओं को देखकर उठाया गया है।
आरबीआई के अनुसार, जिन ग्राहकों के पैसे बैंक में जमा हैं, वे अधिकतम 5 लाख रुपये तक की जमा बीमा योजना के तहत क्लेम कर सकते हैं। इसतरह के ग्राहकों को अपने दावे बैंक में जमा करना होगा। मार्च 2024 के अंत तक बैंक में कुल जमा राशि 2436 करोड़ रुपये थी। आरबीआई ने स्पष्ट किया कि 13 फरवरी 2025 से बैंक कोई नया कर्ज जारी नहीं कर पाएगा, न ही पुराने लोन को रिन्यू करेगा। इसके अलावा, बैंक को किसी भी प्रकार के नए निवेश करने या नए डिपॉजिट स्वीकार करने की अनुमति नहीं होगी। बैंक किसी को भी भुगतान नहीं कर सकेगा और अपनी किसी भी संपत्ति को बेच या ट्रांसफर नहीं कर सकेगा।
आरबीआई ने बताया कि बैंक की नकदी स्थिति संतोषजनक नहीं है, जिससे जमाकर्ताओं के पैसे पर खतरा मंडराने लगा था। इसीलिए आरबीआई ने बचत खाते, चालू खाते और अन्य जमाकर्ता खातों से निकासी पर रोक लगा दी है। नियामक संस्था का कहना है कि यह कदम लोगों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है, ताकि बैंक की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और ग्राहकों को बड़े नुकसान से बचाया जा सके।