नई दिल्ली। बुधवार को भारत के सबसे बड़े बिजनेस टाइकून और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। रतन टाटा मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती कराया गया था। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब थी। बुधवार की शाम को उनकी तबीयत ज्यादा बिगडऩे की खबर आई थी।
इससे पहले सोमवार को भी रतन टाटा की तबीयत बिगडऩे की खबर आई थी, लेकिन रतन टाटा ने कुछ देर बार ही खुद इस खबर का खंडन किया था। उन्होंने जनता और मीडिया से गलत सूचना फैलाने से दूरी बरतने का अनुरोध करते हुए कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। मैं ठीक हूं। मुंबई के अस्पताल में भर्ती होने की खबरों को अफवाह बताते हुए 86 वर्षीय टाटा ने कहा था कि यह दावे निराधार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा कि रतन टाटा जी के साथ अनगिनत बातचीत से मेरा मन भरा हुआ है। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मैं उनसे अक्सर मिलता था। हम विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करते थे।
उल्लेखनीय है कि रतन टाटा का जन्म 28 सितंबर 1937 को हुआ था। उन्हें एक अरबपति होने के साथ ही एक सहदृय, सरल और नेक व्यक्ति के रूप में देखा जाता है। भारत के कारोबारी जगत में रतन टाटा के योगदान की काफी अहमियत है। उन्हें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) से सम्मानित किए जा चुका है। वह प्रतिष्ठित कैथेड्रल और जॉन कानोन स्कूल, बिशप कॉटन स्कूल (शिमला), कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड के पूर्व छात्र हैं।
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