राष्ट्रपति ने कहा- दिव्यांगजनों को दया की नहीं, सहयोग की आवश्यकता
देहरादून । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को अपना जन्मदिन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में राष्ट्रीय दृष्टि विकलांग व्यक्ति सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी) के छात्रों संग मिलकर मनाया। यहां बताते चलें कि राष्ट्रपति मुर्मू तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर हैं और आज जन्मदिन का छात्रों के बीच रहना प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा है।
इससे पहले जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल गुरमीत सिंह ने भव्य स्वागत किया। जहां से वह सड़क मार्ग से देहरादून पहुंचीं। पूरे दौरे के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अमला पूरी तरह अलर्ट मोड पर रहा। राष्ट्रपति मुर्मू ने एनआईईपीवीडी परिसर में आयोजित विशेष कार्यक्रम में छात्रों से संवाद किया और उन्हें बेहतर जीवन जीने के टिप्स दे उनका हौसला भी बढ़ाया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, कि यह पहला अवसर नहीं है जब मैं अपना जन्मदिन दिव्यांगजनों के साथ मना रही हूं। 2023 में भी मैंने इसी संस्थान में यह खास दिन उनके साथ बिताया था। उन्होंने आगे कहा कि दिव्यांगजनों को दया की नहीं, सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने समाज से अपील की कि सभी नागरिक दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील बनें और उनके सशक्तिकरण में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने मौजूद छात्रों की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि इनमें वह क्षमता है जो देश के विकास में अहम योगदान दे सकती है।
इस विशेष अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल गुरमीत सिंह भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने बच्चों के सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया और उनके साथ समय भी बिताया।
राष्ट्रपति के उत्तराखंड दौरे को लेकर प्रशासनिक तैयारियां चाक-चौबंद हैं। उनके तीन दिवसीय प्रवास (19 से 21 जून) के दौरान राजधानी देहरादून सहित अन्य क्षेत्रों में कई कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी पुलिस ने विशेष डायवर्जन प्लान लागू किया है ताकि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू अपने दौरे के दौरान उत्तराखंडवासियों के लिए कुछ बड़ी सौगातों की घोषणा भी कर सकती हैं। इससे राज्य को सामाजिक और संरचनात्मक विकास की दिशा में नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।