नई दिल्ली । आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अपनी सरकारी एयरलाइन पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) की पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। पिछली दो असफल कोशिशों के बाद अब सरकार ने 100 फिसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए टैक्स छूट और कानूनी सुरक्षा जैसे कई आकर्षक प्रस्ताव पेश किए हैं। इसके बावजूद खरीदारों की कमी सरकार के लिए चिंता का कारण बनी हुई है।
सरकार को उम्मीद है कि इस बार बेहतर शर्तों के साथ कोई मजबूत निवेशक आगे आएगा और इस संकटग्रस्त एयरलाइन को संभालेगा। नए प्रस्तावों के तहत जो भी निवेशक पीआईए खरीदेगा, उसे कंपनी पर पूरा नियंत्रण मिलेगा, जबकि पहले केवल आंशिक हिस्सेदारी बेचने की योजना थी। पीआईए के लिए बोली लगाने की अंतिम तिथि 3 जून 2025 तय की गई है और नीलामी प्रक्रिया अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच पूरी होने की संभावना है। इससे पहले अक्टूबर 2024 और अप्रैल 2025 में सरकार ने पीआईए को बेचने की कोशिश की थी, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी। पहली कोशिश में केवल एक बोली प्राप्त हुई थी, जिसकी कीमत निर्धारित मूल्य से काफी कम थी और कर्ज व टैक्स से जुड़ी जटिलताओं के चलते निवेशकों ने रुचि नहीं दिखाई।
इस बार सरकार ने बोली नियमों को सरल बनाया है और मौजूदा एयरलाइंस कंपनियों के साथ-साथ अन्य कंपनियों के लिए भी अवसर खोले हैं, बशर्ते वे वित्तीय मानदंडों को पूरा करें। एयरलाइन सेक्टर से बाहर की कंपनियों के लिए शर्त रखी गई है कि उनकी सालाना कमाई कम से कम 200 अरब रुपये होनी चाहिए, जिसे दिसंबर 2023 या उसके बाद के ऑडिटेड वित्तीय दस्तावेजों से साबित करना होगा।