शिकारीपाड़ा। प्रखंड के सरसडंगाल गांव में डायरिया महामारी का प्रकोप फैल गया है| ग्रामीणों ने बताया कि इस बीमारी से अब तक दो की मौत हो गई है, जबकि दो दर्जन व्यक्ति महामारी से पीड़ित है जिनका इलाज सरसडंगाल शिविर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिकारीपाड़ा व फूलों झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल दुमका में चल रहा है।
हालांकि दो व्यक्तियों के मौत की खबर की पुष्टि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर देवानंद मिश्रा द्वारा नहीं की गई| उनका कहना है कि गांव में आने के बाद लोगों द्वारा मुझे बताया गया है।
वही ग्रामीणों की माने तो 3 वर्षीय मार्शल हंसदा की मृत्यु दुमका में हुई है जिसे एंबुलेंस द्वारा उठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था और वहां से दुमका रेफर कर दिया गया था| दुमका में ही इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई, जबकि 30 वर्षीय पार्ता सोरेन की मृत्यु स्थानीय इलाज के दौरान हो गयी। सरस डंगाल शिविर में इलाज कर रही डॉक्टर स्वर्ण प्रिया लकड़ा ने बताया कि वर्तमान समय में शिविर में शिव हंसदा 21 वर्ष, बिटिया टुडू 32 वर्ष, भतन मुर्मू 60 वर्ष, गुपीन सोरेन 30 वर्ष, पलटन बासकी 30 वर्ष एवू बाबूलाल हांसदा 18 वर्ष का इलाज किया जा रहा है। 5 वर्षीय संगीता सोरेन की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे शिविर में इलाज न कर सीधे फूलों झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल दुमका रेफर कर दिया गया। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है| प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर देवानंद मिश्रा के अनुसार इसकी सूचना जिला को भी दी गई है वहां से भी टीम आ रही है तथा अभी तक यह पता नहीं चला है कि डायरिया का कारण क्या है| दूषित पानी या दूषित भोजन करने से लोग आक्रांत हुए हैं, क्योंकि जो भी बीमार हैं उनका इलाज चल रहा है| बताया कि सभी लोग आदिवासी समुदाय से ही आते हैं| उसमें भी सबसे अधिक संख्या महिलाओं की ही है। इसके साथ ही 16 डायरिया संक्रमित व्यक्तियों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिकारीपाड़ा में भर्ती कर किया जा रहा है।