पटना । बिहार में नीतीश सरकार ने गाड़ी मालिकों को एक बड़ी राहत देकर वाहनों के परमिट और आवेदन शुल्क में कटौती की है। शराबबंदी के बाद, नीतिश सरकार ने राजस्व में वृद्धि के लिए वाहनों के शुल्क में बढ़ोतरी की थी, नीतिश सरकार के इस फैसले से वाहन मालिकों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। खासकर, मध्यवर्गीय परिवारों के लिए बढ़े हुए शुल्क का भुगतान करना चुनौतीपूर्ण हो गया था। हालांकि, अब विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले परिवहन विभाग ने परमिट और आवेदन शुल्क में महत्वपूर्ण कमी की है, जिससे वाहन मालिक राहत महसूस कर रहे हैं। नए संशोधन के तहत, निजी वाहनों को व्यावसायिक उपयोग के लिए परिवर्तित करना अब आसान होगा। इससे रजिस्ट्रेशन और कॉमर्शियल वाहनों के परमिट शुल्क में कमी आएगी, जिससे छोटे और मध्यम कॉमर्शियल वाहनों की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है।
बिहार सरकार ने मोटर वाहन नियमावली के तहत नियम 74 और 82 में संशोधन कर दिया है। इसके अनुसार, नए शुल्क दरों में निम्नलिखित बदलाव किए हैं:
बाइक का रजिस्ट्रेशन शुल्क: 1650 से घटकर 1150 रुपये कर दिया गया है। ऑटो रिक्शा का परमिट शुल्क 5650 से घटकर 1150 रुपये किया गया है। वहीं 5 से 7 सीटर कैब कार का शुल्क: 23650 से घटकर 4150 रुपये कर दिया गया है। 7 से 13 सीटर मैक्सी कैब का शुल्क 23650 से घटकर 5150 रुपये किया गया है। 13 से 23 सीट वाले मिनी बस का शुल्क 23650 से कमकर 7150 रुपये कर दिया गया है।
इसतरह नीतिश सरकार ने 23 सीट से अधिक बस का शुल्क: 8500 रुपये (दूरी के अनुसार सरचार्ज 9000 रुपये)
छोटे मालवाहक वाहन का शुल्क 8200 से घटकर 5000 रुपये कर दिया है। भारी मालवाहक का शुल्क 8200 से घटकर 7000 रुपये किया गया है।