शिर्डी । शिर्डी के साईं बाबा का दर्शन अब वीआईपी दिन में सिर्फ तीन बार ही कर सकेंगे। यह जानकारी साईं बाबा संस्थान के सीईओ गोरक्ष गाडिलकर ने दी है। ज्ञात हो कि पिछले कुछ समय से जब भी कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति साईं मंदिर में आता था तो उसके दर्शन के लिए सामान्य दर्शन कतार को दिन में किसी भी समय रोकना पड़ता था। इससे भक्तों को बेवजह परेशानी उठानी पड़ती थी। साथ ही दर्शन में भी काफी समय लगता था। इसके अलावा सुरक्षा और अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर भी अतिरिक्त दबाव रहता था। साईं बाबा संस्थान के सीईओ गोरक्ष गाडिलकर ने बताया है कि इस बात को ध्यान में रखते हुए संस्थान की तदर्थ समिति ने दर्शन की नई व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया है। साईं मंदिर प्रशासन के नए नियमों के अनुसार, सिफारिशों के साथ आने वाले भक्त अब सिर्फ तय समय पर ही साईं दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए दिन में तीन चरणों में समय तय किया गया है।
सुबह 9 बजे से 10 बजे तक (एक घंटा)
दोपहर 2.30 बजे से 3.30 बजे तक (एक घंटा)
रात 8 बजे से रात 8.30 बजे तक (आधा घंटा)
इस दौरान समाधि मंदिर के एक तरफ से ब्रेक दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। ताकि आम भक्तों की दर्शन कतार निर्बाध रूप से चलती रहे। हालांकि साईं मंदिर में कुछ अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों और दानदाताओं के लिए ब्रेक दर्शन के लिए समय की कोई पाबंदी नहीं होगी। उनकी दर्शन व्यवस्था पहले की तरह ही रहेगी। राजनीतिक और न्यायिक अधिकारी, भारत के पूर्व और वर्तमान राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उप-प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के राज्यपाल, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश, लोकसभा के अध्यक्ष/उप-राष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र के मंत्री, विधानसभा/विधान परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधायक, सांसद और विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश, प्रसिद्ध उद्योगपति, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, फिल्म अभिनेता, वैज्ञानिक और संस्थान के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और प्रबंधन/अस्थायी समिति के सदस्य, साथ ही 1 लाख रुपये या उससे अधिक दान करने वाले भक्त इस समय के लिए बाध्य नहीं होंगे। ये गणमान्य व्यक्ति ब्रेक दर्शन के माध्यम से किसी भी समय साईं बाबा के दर्शन कर सकते हैं। बताया गया है कि साईं मंदिर के दर्शन करने में बहुत समय लगता है, घंटों कतार में खड़ा होना पड़ता है। लेकिन कुछ लोग खुद को महत्वपूर्ण व्यक्ति बताकर या जनसंपर्क कार्यालय से वीआईपी पास बनवाकर तत्काल दर्शन प्राप्त कर लेते हैं। ऐसे भक्तों को एक विशेष द्वार से मंदिर में प्रवेश दिया जाता था। ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के दर्शन के लिए आम भक्तों की कतार रोक दी जाती थी और उन्हें प्राथमिकता दी जाती थी। इससे दर्शन की कतार कभी भी रोक दी जाती थी और आम जनता के दर्शन में बाधा उत्पन्न होती थी। लेकिन अब ऐसे लोगों के लिए दिन में केवल 3 घंटे ही आरक्षित रहेंगे और उसके लिए भी अलग से लाइन होगी।
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