नई दिल्ली । कहीं सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने वाले बेरोजगारों को 18 प्रतिशत की जीएसटी देना होगी। इसके अलावा एससी,एसटी और ओबीसी को शुल्क में कोई छूट नहीं मिलेगी। कुल मिलाकर परीक्षा फीस तो देनी ही होगी ऊपर से 18 फीसदी जीएसटी का भुगतान भी फाकाकशी के दौर में करना होगा। ये बात अलग है कि जीएसटी की बैठक के बाद कई बार ऐसे किसी टैक्स से कौंसिल के सदस्यों के बार बार इनकार किया, मगर उत्तरप्रदेश सरकार की स्वायत्तशासी संस्था, सीजी सिटी सुल्तानपुर रोड, लखनऊ ने 2024-25 के लिए डाइटिशियन, फार्मासिस्ट, साइको, लाईब्रेरियन, टेक्निकल ऑफिसर सहित 9 विभिन्न पदों के लिए अपनी वेबसाइट पर रिक्तियां निकाली है। उसमें इस बात का साफ जिक्र किया गया है कि सभी वर्ग के आवेदकों को समान रूप से 18 फीसदी जीएसटी आवेदन शुल्क के अतिरिक्त भरना होगा। 180 रुपया अतिरिक्त भुगतान अनारक्षित वर्ग और ओबीसी, ईडब्लूएस वर्ग के आवेदकों को एक हजार रुपये आवेदन शुल्क के साथ 18 फीसदी जीएसटी यानी 180 रुपया अतिरिक्त भुगतान करना होगा। जबकि अनुसूचित जाति, जनजाति के आवेदकों के लिए आवेदन शुल्क घटाकर 600 रुपये रखा गया है, लेकिन जीएसटी समान रूप से 18 फीसदी की दर से 108 रुपये अतिरिक्त भरने होंगे। मतलब साफ है ये सिलसिला परीक्षा दर परीक्षा, राज्य दर राज्य चलेगा। आवेदन शुल्क के साथ बेरोजगारों को अब और पॉकेट ढीला करना होगा। जीएसटी भी भरनी होगी। इस विषय पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा, भाजपा की नीयत में नौकरी देना तो है नहीं, मगर भर्ती फॉर्म के नाम पर भी 18 फीसदी की जीएसटी की वसूली जरूर है ! अकेले केंद्र सरकार के विभागों में ही लगभग 10 लाख सरकारी पद खाली हैं और सेना की भर्ती अग्निपथ की भेंट चढ़ चुकी है। ऊपर से सरकारी नौकरी के सपने के साथ दिन-रात तैयारी में जुटे युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही भाजपा, भर्ती परीक्षा के नाम पर भी टैक्स वसूल रही है। ओबीसी, अनुसूचित जाती,जनजाति और ईडब्लूएस वर्ग के छात्रों के लिए नियमत: परीक्षा शुल्क सामान्य से कुछ कम होता है, मगर उनसे भी भाजपा पूरे 18त्न जीएसटी वसूल कर रही है।
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