कासगंज । शिवपुरी के दो मुस्लिम भाई जत्थे के साथ गंगा घाट पर पहुंचे और भागीरथ बनकर 151 किलो गंगा जल की कांवड़ लेकर गंतव्य के लिए निकल पड़े। दोनों कहते हैं कि माता और पिता की इच्छा थी कि कांवड़ लेकर आएं और भगवान शिव का अभिषेक करें। शिव बहुत दयालु हैं, दोनों भाईयों ने कहा कि हम सनातनी पहले और मुस्लिम बाद में हैं। वह जहां से भी निकल रहे हैं लोग उनके बारे में जानकार खुश हो रहे हैं और उनका स्वागत भी कर रहे हैं। यह है हमारी गंगा-जमना तहजीब।
जानकारी के मुताबिक आगरा जिले के थाना बाह क्षेत्र के गांव कृषा के रहने वाले 25 साल के साजिद खान और उनके 22 साल के छोटे भाई सनी खान 151 किलो की कांवड़ लेकर बटेश्वर जा रहे हैं। वे वहां 14 जुलाई को भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे। दोनों भाई कांवड़ यात्रा लेकर पहली बार आए हैं, वह बहुत उत्साहित हैं। दोनों भाईयों का कहना है कि अपने गांव के लोगों को कई सालों से कांवड़ ले जाते देख रहे थे। इस बार अपने माता-पिता के सामने इच्छा जताई की कि हम भी कांवड़ लेकर आएंगे, तो वे खुशी खुशी तैयार हो गए और इसके बाद अपने 10 सदस्यीय जत्थे के साथ सोरों के लहरा घाट पर आ गए, जहां से कांवड़ यात्रा शुरू की। उन्होंने बताया कि वह थोड़ा ब्रेक लेकर चलते हैं क्योंकि 151 किलो का वजन बहुत होता है, लेकिन गंतव्य तक पहुंचेंगे और भोले का गंगाजल से अभिषेक करेंगे। उन्होंने कहा कि पुरोहितजी ने पूरे विधि-विधान, पूजा-अर्चना के साथ हमें गंगा घाट से विदा किया है। जमीन पर कांवड़ नहीं रखेंगे। जब उनसे पूछा कि थकान हो रही है तो बोले कि थकान कैसी, जो कांवड़ लेकर जाता है, उसमें अपने आप ताकत आ जाती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब उनसे पूछा गया कि आप मुसलमान हैं और कांवड़ लेकर जा रहे हैं, तो साजिद बोले पहले तो हम सनातनी हैं, बाद में मुस्लिम। सवाल आस्था का है तो भगवान शिव भी हमारे आराध्य हैं। इन कांवड़ यात्रियों का जोश, जज्बा और जुनून देखते ही बनता है। यह हमारे भारत की एकता और ताकत है लेकिन कुछ सिर फिरो की बदौलत माहौल खराब हो जाता है।