प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से देश को किया संबोधित
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने एक बार फिर चुनावी रिफॉर्म के अपने आग्रह को दोहराया। उन्होंने कहा कि एक देश एक चुनाव के लिए सभी दलों को आगे आना चाहिए। हर बार कोई योजना लाई जाती है तो उसे किसी चुनाव से जोड़ कर देखा जाता है। ऐसे में हर विषय का राजनीतिकरण होता है। इन चुनावों से देश का बहुत सा संसाधन नष्ट होता है। वे 15 अगस्त गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित कर रहे थे । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिले की प्रचीर से महिलाओं के साथ अत्याचार की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और कहा कि ऐसे पाप करने वालों में डर पैदा करना बेहद जरूरी है। इसके लिए आपराधियों को मिलने वाली कठोर सजाओं को भी व्यापक कवरेज देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश, समाज, राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की शीघ्र जांच हो, इन राक्षसी कृत्यों को अंजाम देने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा मिले- यह समाज में विश्वास पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने तीसरी बार उनकी सरकार को चुनने के लिए जनता का धन्यवाद दिया और कहा कि वे समाज की शक्ति को लेकर विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत-2047 सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं। इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है, देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं। हमने बड़े रिफॉम्र्स जमीन पर उतारे हैं। गरीब हो, मध्यम वर्ग हो, वंचित हो, हमारे नौजवानों के संकल्प और सपने हों या हमारी बढ़ती हुई शहरी आबादी हो, इन सभी के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमने रिफॉर्म का मार्ग चुना। वे आज कह सकते हैं कि रिफार्म का हमारा मार्ग आज ग्रोथ का ब्लूप्रिंट बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक समान नागरिक संहिता पर जोर देते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं ने इसका सपना देखा था और हमें इसे पूरा करना होगा।