गिरिडीह । प्रदेश के अनुबंध कर्मियों की कड़ी मेहनत से राज्य में हेमंत सोरेन सरकार बनी, लेकिन सरकार बनते ही यहां के विधायक मंत्री एवं मुख्यमंत्री अपना वेतन बढ़ाने में लगें हैं, अनुबंध कर्मियों को उसी हाल में छोड़ दिया गया। उक्त बातें सोमवार को मनरेगा संघ द्वारा झंडा मैदान गिरिडीह में चल रहे अनिश्चित कालीन धरना के आठवें दिन जेबीकेएसएस के सुप्रीमो जयराम महतो ने धरनार्थियों को संबोधित करते हुये कहा। श्री महतो ने कहा कि सारे मनरेगा कर्मी झारखंड के स्थानीय है। इसे पहली प्राथमिकता के तहत इनका स्थायीकरण कर अपने झारखंडी भाइयों को मजबूत बनाते, लेकिन वे अब भी दूसरे राज्य के लोगों को लाभ पहुचाने में लगें हैं। कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना में भी पूरी तन मन से मनरेगा कर्मी ही फील्ड में दिन रात मेहनत कर प्रवासी मजदूरों एवं गरीबो को रोजगार देने का काम किया।
कहा कि मनरेगा कर्मी पिछले 17 वर्षों से अल्प मानदेय में काम करते आ रहे है और इससे जुड़े अधिकतर लोगों का आयु भी लगभग सेवानिवृत्त के करीब है। ऐसे में ये लोग इसे छोड़ दूसरे जॉब में भी नहीं जा सकते। कहा कि हम मनरेगा कर्मियों की लड़ाई पूरी मजबूती के साथ लड़ेंगे ओर हक दिलाने का काम करेंगे। जयराम ने कहा कि राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री भी यहां के मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं है उन्हें मनरेगा कर्मियों के मुद्दों को गंभीरता से लेना चाहिए।
मौके पर संघ के जिला सचिव नवीन कुमार ने कहा कि हम सभी मनरेगाकर्मी 17 वर्षों से पूरी निष्ठा से अति अल्प मानदेय पर सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में अपने कर्तव्य का पालन करते आ रहे है। लेकिन सरकार की दोगली नीति के कारण हम सभी उपेक्षित महसूस कर रहे है। कहा कि हम सबों के बाद में आए मनरेगा सेल और जिला में कार्यरत कर्मियों को ग्रेड पे दिया जा रहा है। धरना में मनरेगा कर्मी उमेश विश्वकर्म, बिनय कुमार, मो. ईकबाल, केसव वर्मा, बिपिन कुमार, तोहिद आलम, देवकी कुमार रजक, शंकर वर्मा, भीम महतो, विशाल केसरी, फिरोज आलम, रामसुंदर, गोपाल, अरविंद कुमार यादव, मोहम्मद जिलानी अंसारी आदि मौजूद थे।
राजेश कुमार/ ईएमएस/ 29 जुलाई 2024