नई दिल्ली । भारत में हर दूसरा युवा हार्ट अटैक की समस्या को लेकर चिंतित है। सवाल यह उठता है कि वे अपनी जीवनशैली में कौन से बदलाव कर सकते हैं ताकि हार्ट अटैक से बचा जा सके।
विशेषज्ञ बताते हैं कि हार्ट अटैक की मुख्य वजह ब्लड फ्लो का कम होना या अवरुद्ध होना है, जो कोरोनरी धमनियों में वसा और कोलेस्ट्रॉल के जमाव के कारण होता है। इस जमाव को चिकित्सकीय भाषा में ‘प्लाक’ कहा जाता है, जो धमनियों को संकीर्ण कर देता है और इससे ब्लड फ्लो में कमी आती है। युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों का मुख्य कारण खराब जीवनशैली है। तैलीय पदार्थों का सेवन, जंक फूड की खपत, और नियमित व्यायाम का अभाव भी इसके जोखिम को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, नींद की कमी भी एक महत्वपूर्ण कारक है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि युवा प्रतिदिन आधे घंटे का व्यायाम करें, तो वे हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। स्वस्थ आहार को अपनाने की सलाह देते हुए डॉक्टरों का कहना है कि फल, हरी सब्जियां और साबुत अनाज को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। साथ ही, धूम्रपान, शराब और सिगरेट का सेवन न करने की भी सिफारिश की जाती है, क्योंकि ये पदार्थ हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देते हैं।
अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करके युवा पीढ़ी हार्ट अटैक के खतरों को कम कर सकती है और एक स्वस्थ जीवन जी सकती है। आज की तेज़-तर्रार जीवनशैली ने हार्ट अटैक के मामलों को केवल वृद्ध लोगों तक सीमित नहीं रखा है। नींद की कमी के प्रभाव पर चर्चा करते हुए डॉक्टरों का कहना है कि हर व्यक्ति को प्रतिदिन 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। इसके अलावा, नियमित रूप से उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, और उच्च कोलेस्ट्रॉल के टेस्ट कराते रहना भी जरूरी है, जिससे स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।
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