लखनऊ । उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य लंबे समय से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए चुनौतियां खड़ी कर रहे हैं। सियासी गलियों में दोनों के बीच तनातनी की खबरें भी चलीं। भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने केशव को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे मौका मिलते ही राज्य सरकार पर तंज कसने से पीछे नहीं हटते। मौर्य ने कहा, सरकार की ताकत के आधार पर चुनाव नहीं जीता जा सकता, पार्टी लड़ती है और पार्टी ही जीतती है। हमेशा पार्टी ही चुनाव लड़ती है और पार्टी ही जीतती है। पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी 2027 उप्र विधानसभा चुनावों के लिए कमर कसने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा, 2024 (लोकसभा चुनाव) में की गई गलतियों को भूल जाइए और 2027 उप्र विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित करने के लिए काम कीजिए।
मौर्य ने पिछले दिनों एक ऐसा बयान दे दिया था, जिसके बाद यूपी सरकार में सियासी रार की बातें होने लगी। सीएम योगी के साथ उनकी तनातनी की खबरें आई। सियासी गलियारों में भी इस बात की चर्चा होने लगी। इन चर्चाओं के बाद दिल्ली से फटकार लगी और सब कुछ ठीक होता नजर आया। कल लंबे समय बाद दोनों डिप्टी सीएम सीएम योगी के साथ नजर आए। इसके कुछ घंटे बाद ही एक बार फिर केशव प्रसाद मौर्य ने एक ऐसी बात कह दी, जो चर्चा का विषय बन गई। उन्होंने कहा कि यह पार्टी है जो चुनाव लड़ती है और जीतती है और सरकार की ताकत के आधार पर चुनाव नहीं जीता जाता।डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ‘‘यह पार्टी है जो चुनाव लड़ती है और जीतती है और सरकार की ताकत के आधार पर चुनाव नहीं जीता जाता। मौर्य की यह टिप्पणी इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कुछ वक्त पहले उन्होंने कहा था कि पार्टी संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है। लखनऊ में भाजपा की राज्य इकाई के पिछड़ा वर्ग मोर्चा की कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए मौर्य ने कहा, ‘‘क्या 2014 में भाजपा की सरकार थी? क्या हमने (लोकसभा) चुनाव जीते थे? 2017 (उप्र विधानसभा चुनाव) में क्या हमारी सरकार थी? हम जीते या नहीं? उन्होंने कहा, ‘जब हम जीते थे, तब सरकार नहीं थी और जब सरकार थी तो हमें लगा कि सरकार की ताकत पर ये कर सकते हैं।
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