देवघर। जिले के देवीपुर प्रखंड स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में एक सातवीं कक्षा की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घटना के बाद विद्यालय प्रशासन, विशेषकर वार्डन के खिलाफ परिजनों और छात्राओं ने मोर्चा खोल दिया है। मृतका के परिजनों का आरोप है कि बीमार होने के बावजूद छात्रा को समय पर इलाज नहीं दिया गया, और उनकी गुहार के बाद भी वार्डन ने समय पर सहयोग नहीं किया। छात्रा की तबीयत बिगड़ने पर जब परिजन विद्यालय पहुंचे तो उन्हें छात्रा से मिलने नहीं दिया गया। परिजनों का कहना है कि जब छात्रा की स्थिति ज्यादा बिगड़ गई, तब वार्डन ने उसे घर ले जाने को कहा। लेकिन रास्ते में ही छात्रा ने दम तोड़ दिया। इससे आहत परिजनों ने न्याय की मांग की है और वार्डन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। घटना की सूचना मिलते ही जिला शिक्षा अधीक्षक विद्यालय पहुंचे। इस दौरान छात्राओं ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। छात्राओं का कहना है कि वार्डन उनसे खाना बनाने, टॉयलेट साफ करने जैसे कार्य करवाती थीं। यह स्थिति लंबे समय से चल रही थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। जिला शिक्षा विभाग की टीम पूरे मामले की छानबीन कर रही है और छात्राओं व स्टाफ से पूछताछ की जा रही है। वही वार्डन ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि छात्रा की तबीयत खराब होते ही परिजनों को सूचित कर दिया गया था और बच्ची को उनके हवाले कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि मौत के कारणों की जांच होनी चाहिए।
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देवघर। देवीपुर प्रखंड स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्रा की मौत के बाद उपजे विवाद को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। डीसी विशाल सागर के संज्ञान में लाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया गया है, जो पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेगी। जांच के साथ-साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत विद्यालय की वर्तमान वार्डन समेत सभी शिक्षकों व कर्मियों को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं, छात्राओं की सुविधा और पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए अन्य विद्यालयों से योग्य शिक्षकों और कर्मचारियों को इस विद्यालय में प्रतिनियुक्त किया गया है। इसके अलावा डीसी के निर्देश पर चिकित्सकों की एक विशेष टीम द्वारा छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें सभी बच्चियों को स्वस्थ पाया गया है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इस घटना को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और छात्राओं की सुरक्षा एवं सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।