संताल एक्सप्रेस संवाददाता
पाकुड़ | प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह की अदालत ने मानव तस्करी के गंभीर मामले में बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने लिट्टीपाड़ा के हैठबांधा गांव निवासी शिव शंकर तूरी (38 वर्ष) और उसकी साली साहिबगंज जिले के बरहैट थाना क्षेत्र के तलवाडिया गांव निवासी फूल कुमारी देवी (35 वर्ष) को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर दोनों को दो-दो साल अतिरिक्त जेल में रहना होगा।मानव तस्करी की यह वारदात वर्ष 2016 की है। लिट्टीपाड़ा थाना क्षेत्र के कुमरहीर गांव निवासी चंदन कोल ने 13 अगस्त 2018 को थाना में दर्ज प्राथमिकी (कांड संख्या 55/18) में बताया था कि उनकी 15 वर्षीय बेटी बसंती कुलीन, गांव के काली चांद कोल की बेटी मालती कुलीन (15 वर्ष) और बसु कोल की बेटी बोडगै कुलीन (20 वर्ष) को जीजा-साली की जोड़ी ने नौकरी दिलाने के बहाने 6000 रुपये महीने का लालच देकर कहीं ले गए थे।तीनों लड़कियां घर से जाने के बाद करीब दो वर्षों तक उनका कोई अता-पता नहीं चला। इस दौरान परिजन बेहद परेशान रहे। चंदन कोल ने बताया कि 30 जून 2016 को जब उन्होंने दोनों आरोपियों से संपर्क कर बेटी को वापस बुलाने और पैसों की मांग की, तो उन्हें लगातार टालमटोल किया गया। कुछ समय बाद मालती कुलीन किसी तरह घर लौट आई। उसने बताया कि बाकी दोनों लड़कियां दिल्ली में काम कर रही हैं, लेकिन उन्हें कहां रखा गया और वे क्या काम कर रही हैं, इसकी जानकारी नहीं दी गई। चंदन कोल ने विश्वास व्यक्त किया कि शिव शंकर तूरी और फूल कुमारी देवी ने दोनों लड़कियों को बेच दिया है। पुलिस जांच और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने दोनों आरोपियों को मानव तस्करी (ट्रैफिकिंग) का दोषी मानते हुए यह सख्त सजा सुनाई। यह फैसला समाज में मानव तस्करी जैसे संगीन अपराधों को लेकर कड़ा संदेश देता है।
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