चंदन मिश्र
झारखंड विधानसभा का चुनाव बुधवार को दूसरे चरण के मतदान के बाद संपन्न हो जाएगा। दूसरे चरण के लिए संताल परगना, कोयलांचल और उत्तरी छोटा नागपुर और रांची जिले की दो सीटें सहित कुल 38 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण अत्यंत महत्वपूर्ण है और यही चरण सत्ता का द्वारा खोलेगा। झारखंड के दिग्गज नेताओं की किस्मत का फैसला भी बुधवार को पड़नेवाले वोटों से ही होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, मुख्य सचेतक बिरंची नारायण, झामुमो की स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन सहित कई प्रमुख उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है। 2019 के चुनाव में 38 सीटों में इंडिया गठबंधन के पास 20 तथा एनडीए गठबंधन के खाते में 18 सीटें थी। इसी चरण में सीटों की खींचतान तथा सीट बचाने और बढ़ाने में या साफ हो जाएगा की किस गठबंधन को ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल होंगी। चुनाव को अपने पक्ष में करने के लिए इंडिया गठबंधन और एनडीए गठबंधन के कई दिग्गज नेताओं ने चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया। दर्जनों सभाएं की और चुनावी जुलूस में भाग लिया। इंडिया गठबंधन को उम्मीद है कि दूसरे चरण में उसे अधिक से अधिक सफलता मिलेगी वही एनडीए गठबंधन को भी दूसरे चरण में ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद है।
झारखंड विधानसभा के दूसरे चरण में संथाल परगना में भी वोट पड़ेंगे। संताल को झामुमो का गढ़ माना जाता है। झामुमो इन क्षेत्रों की आरक्षित सीटें लगातार जीतता रहा है। वहीं एनडीए गठबंधन की ओर से भाजपा भी कई सीटों पर जीत हासिल करती रही है। इंडिया गठबंधन में झामुमो की सहयोगी कांग्रेस को भी पिछले चुनाव में अच्छी सीटें आई थी। लेकिन सरकार में रहने के कारण सत्तारूढ़ दलों को कई विकास योजनाओं को लागू करने के बावजूद एंटी इनकमबैंसी का असर झेलना पड़ता है। झामुमो और कांग्रेस गठबंधन को अभी इसका सामना करना पड़ रहा है।
भाजपा गठबंधन की ओर से केंद्रीय और प्रादेशिक नेताओं ने चुनाव के दौरान पूरी ताकत झोंक दी है। इसका असर चुनाव क्षेत्रों में भी दिखाई दे रहा है। इधर झामुमो और कांग्रेस गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने धुआंधार प्रचार किया है। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी इस इलाके का दौरा किया है। चुनाव प्रचार में सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक कर चुनाव का अपने पक्ष में करने की कोशिश की है। अब 23 नवंबर को परिणाम आने के बाद तस्वीर साफ होगी कि कौन दल या गठबंधन सत्ता की कुर्सी पर बैठेगा।