जीवन ज्योति बीमा योजना के लिए लक्ष्य 4.1 करोड़ नामांकन, मगर हुआ 30 फीसदी नामांकन
नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने विगत कुछ वर्षों से आम नागरिकों को बीमा की सुरक्षा देने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) पर भरपूर जोर दिया है। ये योजनाएं आम जनता के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं लेकिन आंकड़ों के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में इन दोनों योजनाओं की हासिल करने में कई समस्याएं आ रही हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मिले आंकड़ों के मुताबिक सरकारी बैंकों ने सुरक्षा बीमा योजना के लिए तय किए गए 6.4 करोड़ के कुल नामांकन लक्ष्य में से बमुश्मिल 40 फीसदी ही हासिल किया था। जीवन ज्योति बीमा योजना के लिए सरकारी लक्ष्य 4.1 करोड़ नामांकन है मगर केवल 30 फीसदी नामांकन हुआ है। पीएमएसबीवाई योजना के तहत बैंक या पोस्ट ऑफिस खाता रखने वाले 18-70 वर्ष के व्यक्तियों को मुत्यु या विकलांगता की स्थिति में बीमा कवरेज की पेशकश की जाती है। इसे सबस्क्राइब करने के लिए 20 रुपये का सालाना प्रीमियम देना होता है। पीएमजेजेबीवाई योजना में 18-50 वर्ष की उम्र के व्यक्तियों को किसी भी परिस्थिति में हुई मौत की स्थिति में बीमा कवरेज मिलती है, जिसके लिए उन्हें 436 रुपये का सालाना प्रीमियम चुकाना पड़ता है। सरकारी बैंकों में बैंक ऑफ इंडिया केवल 11 फीसदी नामांकन करने में सफल हुई है, जबकि अन्य बैंकों में इस हिसाब से भी कम नामांकन हुआ है। भारत में इन बीमा योजनाओं की कम हिस्सेदारी के बावजूद, बीमा क्षेत्र से जुड़े लोगों की संख्या में धीमी गति से वृद्धि हो रही है, जिसका संकेत यह समझा जा सकता है कि लोग इस महत्वपूर्ण सुरक्षा योजनाओं के महत्व को समझ रहे हैं। सरकार को इन बीमा योजनाओं को सफल बनाने के लिए अधिक प्रचार और जन संचार की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं का उपयोग कर सकें और उनकी सुरक्षा में समर्थ हो सकें।