पत्रकार सोसाइटी और सिस्टम पर नजर रखें : वित्त मंत्री
संताल एक्सप्रेस संवाददाता
रांची। यूुट्यूब और चैनलों की पत्रकारिता सही नहीं है । हमेंं उसपर विश्वास नहीं करनी चाहिए। भारत की पत्रकारिता संवाद की पत्रकारिता है जब कि पश्चिम की पत्रकारिता विवाद की रही हेै। हमें भारत की पत्रकारिता को लोकहितकारी बनाना होगा तभी देश व समाज का कल्याण होगा। यह विचार देश के वरिष्ठ पत्रकार व आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक प्रो संजय द्विवेदी ने व्यक्त की। वे यहां पत्रकारिता व मास कम्युनिकेशन विभाग में आयोजित पूर्ववर्ती छात्रों के मिलन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।उन्होंने भारतीय भाषायी पत्रकारिता के विभिन्न आयामों व भारत के विश्व गुरू होने के परिपेक्ष्य में कई उदाहरण प्रस्तुत किए। उन्होंने पत्रकारिता को सत्य की यात्रा बताते हुए कहा कि जो दूसरे की पीड़ा और दर्द को समझता है वही सच्चा पत्रकार, साहित्यकार और राजनीतिज्ञ है। भारत की संवाद की पत्रकारिता में विवाद और नकारात्मकता नहीं होती है। वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि सोसाइटी और सिस्टम पर नजर रखने की महती जिम्मेदारी पत्रकारों की है। उन्होंने वित्तीय प्रबंधन पर भी पत्रकारों को नजर रखने की सलाह देते हूुए कहा कि यदि मैं राजनीतिज्ञ नहीं होता तो पत्रकार ही होता। उन्होंने वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए अपनी ही सरकार को सवाल के घेरे में लेते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सत्तर प्रतिशत महिलाएं खून की कमी से पीडि़त हैं और बच्च्ेा कुपोषित हेंै ।इस ओर भी आपका ध्यान जाना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार पत्रकारिता विभाग के पूर्व छात्र रहे अनुज सिन्हा ने क्वालिटी फैक्लटी की सलाह प्रबंधन को दी तथा सरकारी सहायत की मांग की। विभाग की पूर्व अध्यक्ष श्री मती रीता शुक्ला ने विभाग के लंबे इतिहास को रखा । जोसारू के अध्यक्ष चंदन मिश्रा ने आगत अतिथियों प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक बसंत झा सहित पूर्ववर्ती व वर्तमान छात्र छात्राएं शिक्षक आदि उपस्थित थे पूर्ववर्ती छात्र छात्राओं को एवं विभाग में योगदान करनेवालों को मेमोन्टो देकर सम्मानित किया गया। मंच का संचालन वरिष्ठ पत्रकार सुधीर पाल ने किया।.