– विभाग बांटने में चौबीस घंटे क्यों लगे ?
चंदन मिश्र
झारखंड की इंडिया गठबंधन सरकार का कैबिनेट विस्तार हो गया। 11 नए मंत्रियों को शपथ दिल दी गई। लेकिन मंत्रियों के विभाग बंटवारे में चौबीस घंटे से ज्यादा समय लग गया। विभाग बांटने और इसकी अधिसूचना जारी होने में इतना समय लगता नहीं है, लेकिन क्यों लग गया, इसके पीछे बड़ी दिलचस्प कहानी है। इसका उल्लेख विस्तार से नीचे किया जाएगा। बहरहाल मंत्रियों के विभाग बंटवारे को देखें तो ऐसा प्रतीत होगा कि गठबंधन की पिछली सरकार की तरह यह कैबिनेट उसकी कार्बन कॉपी है। सिर्फ मंत्रियों के चेहरे बदले हुए हैं। कहावत के मुताबिक, नई बोतल में पुरानी शराब परोसी गई है।
गठबंधन सरकार में झामुमो के खाते में मुख्यमंत्री समेत सात मंत्री, कांग्रेस के पास चार तथा राजद को एक मंत्री मिला है। मुख्यमंत्री के पास गृह, कार्मिक, खान, खनिज सहित वैसे सभी विभाग हैं, जो किसी मंत्री के पास नहीं है। झामुमो के अन्य छह मंत्रियों के बीच सभी महत्वपूर्ण विभाग बांटे गए हैं। जनता से जुड़े अधिकतर विभाग झामुमो के पास हैं। अल्पसंख्यक, आदिवासी कल्याण, स्कूली से लेकर उच्च शिक्षा, जल संसाधन, पेयजल स्वच्छता, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, परिवहन, निबंधन, नगर विकास और आवास विभाग, युवा, खेलकूद और संस्कृति विभाग झामुमो के छह मंत्रियों के बीच बांटे गए हैं।
कांग्रेस के मंत्रियों को भी कई महत्वपूर्ण विभाग मिले हैं। वित्त, वाणिज्य और योजना विभाग, स्वास्थ्य , चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज तथा कृषि विभाग कांग्रेस के चार मंत्रियों के बीच बांटे गए हैं। इनमें सबसे वरिष्ठ मंत्री राधाकृष्ण किशोर को वित्त विभाग और सबसे छोटी उम्र की मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की को कृषि विभाग की जिम्मेवारी दी गई है। विभाग बंटवारे के बाद झामुमो और कांग्रेस, दोनों दलों के सामने जनता की उम्मीदों को पूरा करने की गंभीर चुनौती है। अगले पांच साल तक इन्हें अपने किए वायदों को पूरा करना होगा। इन दोनों दलों की तुलना में राजद के एकमात्र मंत्री संजय प्रसाद यादव को पिछली सरकार की तरह श्रम नियोजन और उद्योग विभाग दिया गया है। इन दोनों विभागों से आम आदमी का हर दिन का वास्ता नहीं होता है।
विभाग बंटवारे में विलंब क्यों
आमतौर पर जिस दिन मंत्रियों को शपथ दिलाई जाती है, उसी दिन शाम होते होते विभागों का बंटवारा हो जाता है। इसकी अधिसूचना भी जारी हो जाती है। लेकिन गठबंधन सरकार के नए मंत्रियों को शपथ दिलाने के चौबीस घंटे बाद विभागों का बंटवारा किया गया। दरअसल इस विलंब के पीछे कांग्रेस का वह पत्र है, जो दिल्ली से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजा गया था। इस पत्र में महासचिव वेणुगोपाल ने कांग्रेस के चारों मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर के भेजा था। किस मंत्री को कौन सा विभाग देना चाहिए, उसकी अनुशंसा की गई थी। लेकिन दुर्भाग्य से शाम होते होते, यह पत्र मीडिया में लीक हो गया। फिर मीडिया में खबर चलने लगी कि कांग्रेस के किस मंत्री को कौन सा विभाग मिलेगा। सरकार गठन के दौरान इस तरह की घटनाओं को अच्छा नहीं माना जाता है। लिहाजा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को विभाग बंटवारे का काम एक दिन के लिए टाल दिया। कांग्रेस आलाकमान के पत्र के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग कांग्रेस के इरफान अंसारी को मिलना था। जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय दीपिका पाण्डेय सिंह के पास जाना था। लेकिन पत्र के लीक होने से दोनों मंत्रियों का विभाग बदल दिया गया। अब इसमें इरफान अंसारी नाराज हुए या दीपिका पाण्डेय सिंह खुश हुईं, यह तो वही दोनों जानें। लेकिन पत्र लीक होने से विभाग बंटवारे का काम कम से कम चौबीस घंटे टल गया। मुख्यमंत्री ने आज अपने सभी नए मंत्रियों को सरकार के कामकाज का गुरुमंत्र दिया। कैबिनेट में भेजे जानेवाले प्रस्ताव कैसे होने चाहिए, मंत्रियों की क्या भूमिका होती है, योजनाओं की मॉनिटरिंग कैसे होती है, विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों से कैसे डील किया जाता है, जैसे विषयों की उन्हें जानकारी दी गई।
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