नई दिल्ली । ठंड के दौरान शरीर से पसीना कम निकलता है, जिससे अतिरिक्त पानी पेशाब के जरिए बाहर निकलता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ठंडी हवा और वातावरण में मौजूद नमी के कारण फेफड़ों को कम पानी की आवश्यकता होती है, जिससे शरीर में पानी का संतुलन पेशाब के रूप में बनाए रखा जाता है।
यही कारण है कि सर्दियों में लोगों को गर्मियों की तुलना में अधिक बार पेशाब जाने की आवश्यकता महसूस होती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि एक सामान्य व्यक्ति को 24 घंटे में 7 से 8 बार पेशाब जाना चाहिए। यदि किसी को हर घंटे पेशाब की आवश्यकता महसूस हो रही है, तो इसे फ्रीक्वेंट यूरिनेशन कहा जाता है। सर्दियों में चाय-कॉफी जैसे ड्यूरेटिक प्रॉपर्टी वाले पेय पदार्थों का अधिक सेवन भी इस समस्या को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त, 40-45 की उम्र के बाद प्रोस्टेट बढ़ने जैसी समस्याएं पुरुषों में बार-बार पेशाब जाने का कारण बन सकती हैं।
डायबिटीज के मरीजों और हाई ब्लड शुगर लेवल वाले व्यक्तियों को भी इस समस्या का अधिक सामना करना पड़ता है, क्योंकि शुगर पेशाब के जरिए बाहर निकलती है, जिससे यूरिन इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है। डॉक्टर्स बताते हैं कि पेशाब की थैली में 300 से 400 मिलीलीटर तक पेशाब होल्ड करने की क्षमता होती है। लेकिन जब ब्लैडर सेंसिटिव हो जाता है, तो केवल 100 मिलीलीटर पेशाब भरने पर भी यूरिनेशन की आवश्यकता महसूस हो सकती है। इस स्थिति को ओवरएक्टिव ब्लैडर कहा जाता है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और हार्ट पेशेंट्स द्वारा ली जाने वाली कुछ दवाएं भी बार-बार पेशाब की समस्या को बढ़ा सकती हैं। इस समस्या के समाधान के लिए विशेषज्ञ चाय-कॉफी का सेवन सीमित करने और डायबिटीज को नियंत्रित रखने की सलाह देते हैं।
यदि समस्या गंभीर हो, तो यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लेना आवश्यक है। डॉक्टर फिजिकल एग्जामिनेशन, फ्लो टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, और शुगर लेवल टेस्ट जैसे कुछ मेडिकल जांचों की मदद से समस्या का कारण पता कर सकते हैं। सही इलाज और दवाओं से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। सर्दियों में बार-बार पेशाब आना सामान्य हो सकता है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है। यदि यह समस्या बार-बार हो रही हो, तो विशेषज्ञ से परामर्श लेकर समय रहते उपचार कराएं और अपनी सेहत का ध्यान रखें। सर्दियों के मौसम में बार-बार पेशाब आना एक आम समस्या है, लेकिन कई बार यह स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर स्थिति का संकेत भी हो सकता है।